रांची: कोरोना संक्रमण के कारण आर्थिक संकट से जूझ रहे व्यापारियों को केंद्र सरकार से बड़ी राहत मिली है। केंद्र सरकार के द्वारा व्यापारियों की सालों की मांग को पूरा कर दिया गया है। दरअसल व्यापारियों की मांग थी कि खुदरा व्यापारियों को भी एमएसएमई में शामिल किया जाए। इस बार वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आर्थिक पैकेज की राहत घोषणा में इन्हे भी फायदा पहुंचाया है। केंद्र सरकार के इस बड़े फैसले से राज्य के लगभग 10 लाख खुदरा और थोक व्यापारियों को सीधा फायदा होगा। हालांकि पूरे राज्य में बड़ी संख्या में ऐसे भी व्यापारी हैं, जो अभी भी एमएसएमई की परिभाषा और इसमें पंजीकरण के तरीके से अनजान है।
झारखंड चैंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष प्रवीण जैन छाबड़ा ने इसके बारे में जानकारी देते हुए कहा कि केंद्र सरकार के इस फैसले से राज्य के व्यापारियों में काफी उत्साह है। इससे व्यापारियों को दो फायदा मिलेगी। एक प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत व्यापारियों को बिना सिक्योरिटी के 10 लाख तक का लोन मिलेगा। दूसरा ओवरड्राफ्ट सुविधा के तहत 1% कम ब्याज की छूट पा सकेंगे।
सरकार ने आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत एमएसएमई की परिभाषा में बदलाव किया है। पहले व्यापार के वर्गीकरण में केवल पूंजी निवेश को आधार बनाया गया था। अब एक करोड़ रूपये तक की पूंजी निवेश और 5 करोड़ रूपये तक के टर्नओवर वाले उद्यम, सूक्ष्म उद्यम माने जाएंगे। वही 10 करोड़ तक की पूंजी निवेश और 50 करोड़ तक के टर्नओवर वाले उद्यम लघु या small-scale में गिना जाता है। 50 करोड़ तक की पूंजी निवेश और 250 करोड़ रुपए तक के टर्नओवर वाले उद्यम, मीडियम उद्यम होते हैं। अब उनको विनिर्माण क्षेत्र में नहीं बांटा गया है।
पंजीकरण कराने के लिए सिंगल विंडो के जरिए सरकारी पोर्टल
udyamregistration.gov.in पर करा सकते हैं। इसके लिए आधार कार्ड और पैन कार्ड की जरूरत पड़ेगी। पंजीकरण के बाद सत्यापन में कुछ दिनों तक वक्त लगता है। इसके बाद उद्यमी को पंजीकरण प्रमाण पत्र जारी हो जाता है।