झारखण्ड राज्य की राजधानी रांची में स्थित बेड़ो प्रखंड के 90% तक की आबादी कृषि पर निर्भर है। यहां के किसानों की मुख्य पूंजी धान की खेती से होती है। इसी की खेती से वे अपना जीवन यापन करते हैं। परन्तु सरकार की अव्यवस्था और प्रखंड, साथ ही, जिला के विभागीय लापरवाही की वजह से प्रखंड क्षेत्र के किसानों के लिए मुश्किल आ पड़ी है। किसानों के लिए प्रखंड क्षेत्र में धान क्रय केंद्र अभी तक खोला नहीं गया है।
प्रखंड मुख्यालय के साथ प्रखंड के ग्रामीण इलाकों में भी किसानों की व्यस्तता धान कटाई को लेकर है। किसान यह पूछ रहे है कि आखिर विभाग कब धान क्रय केंद्र खोलेगी। उनका कहना है कि यदि विभाग समय से धान क्रय केंद्र खोल दे तो किसान क्रय केंद्र में ही अपने धान बेचते। पर अगर ऐसा नहीं हुआ तो किसानों के अधिकतम धान बाज़ार में बिक जाएंगे। धान को बाज़ार में बेचने के बाद वे अगली खेती की तैयारी में जुट गए हैं। उन्होंने यह भी बताया कि उन्हें धान काटने की मजदूरी भी नहीं मिल रही है। अपने पुरे परिवार के साथ मिलकर वे पिछले 10 दिनों से धान की कटाई में जुटे हुए हैं। यदि समय पर पैसे मिलते तो वे क्रय केंद्र में ही बेचते।
दूसरी तरफ, किसानों ने जब क्रय केंद्र में अपने धान बेचे हैं, तब उन्हें पैसों के लिए काफी इंतज़ार करना पड़ा है। साईं मंदिर रोड में बनाया गया लैम्पस कार्यालय वर्षों से बंद पड़ा हुआ है जिसे अब मुहल्ले के लोगों ने गंदगी का आश्रय स्थल बना दिया है। इसके बाद भी प्रखंड प्रशासन उदासीन है। इससे प्रखंडवासियों में रोष व्याप्त है।
सालों पहले प्रखंड क्षेत्र के किसानों के लिए लाखों की लागत से लैम्पस कार्यालय का निर्माण किया गया था। लेकिन प्रखंड प्रशासन, जनप्रतिनिधियों के उदासीन रवैये और सहकारिता विभाग की लापरवाही की वजह से भवन कचरा फेंकने का आश्रय स्थल बन चूका है। लैम्पस भवन के सामने गंदगी का अंबार लगा हुआ है। इधर किसानों ने प्रखंड व जिला के प्रशासन से यथाशीघ्र सरकारी क्रय केंद्र खोले जाने की मांग की है।