कोरोना संक्रमण के कारण शैक्षणिक गतिविधियां, परीक्षाएं और इंटरव्यू ऑनलाइन ही हो रही है। लेकिन कई ऐसे बच्चे भी हैं, जिनके पास लैपटॉप और स्मार्टफोन की सुविधा नहीं है। ऐसे में इन बच्चों की समस्यायों को दूर करने के लिए पुलिस कम्युनिटी पुलिसिंग के तहत उपकरण बैंक खोली जाएगी। घर में बेकार पड़े लैपटॉप, स्मार्टफोन या डेस्कटॉप को थाना या जिला स्तर पर बने उपकरण बैंक में दिया जा सकता है। वहां से इसे निर्धन और जरूरतमंद बच्चों तक पहुंचाया जाएगा।
झारखंड के डीजीपी नीरज सिन्हा ने सुझाया है कि उपकरण बैंक संबंधी पहल को जिलों के एसपी पायलट प्रोजेक्ट के तहत शुरू करें, ताकि संचालन के दौरान सामने आनेवाली अड़चनों के आधार पर आवश्यक सुधार किया जा सके। उसके साथ ही उन्होंने बताया कि कोविड संबंधी प्रतिबंधों के कारण कई आवश्यक सेवाएं ऑनलाइन हो गई हैं। इनमें क्लासेज और परीक्षाएं ऑनलाइन हो रही है। लेकिन ऑनलाइन सेवाओं के लिए बेहतर स्मार्टफोन, लैपटॉप, डेस्कटॉप कंप्यूटर तो इसके साथ ही ब्रॉडबैंड और मोबाइल डाटा नेटवर्क दोनों ही आवश्यक है। छात्रों तक ऑनलाइन उपलब्ध सेवाओं की पहुंच होने में अनेक विषमताएं हैं। इसलिए डिजिटल असमानताओं के निराकरण के लिए प्रयास भी कम्युनिटी पुलिसिंग के तहत की जा रही है।
डीजीपी नीरज सिन्हा ने जिलों के एसपी को सुझाव दिया है कि जमा किए गए प्रत्येक उपकरणों के संबंध में थाना सनहा दर्ज किया जाए जिसकी सत्यापित प्रतिलिपि उपकरण जमा करने वाले व्यक्ति को प्रमाण स्वरूप दी जाए। जिससे उन्हें संतुष्टि हो जाएगी कि उपकरणों का दुरुपयोग किए जाने की स्थिति में जमाकर्ता जिम्मेवार नहीं होगा। थाने में दर्ज सनहा में जमाकर्ता के नाम, पता, स्मार्ट फोन का आईएमइआई नंबर, लैपटॉप का यूनिक पहचान नंबर, जमा किए जाने की तिथि और समय अंकित किए जाएंगे।
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि उपकरण मिलने के बाद थाना इसे जिले स्तर के उपकरण बैंक में जमा करा दे। स्मार्टफोन, लैपटॉप का वितरण गरीब और मेधावी छात्रों के बीच हो इसके लिए उनके प्रधानाध्यापक से प्रमाण पत्र प्राप्त कर लिए जाएंगे, जिसमें छात्रों के बारे में जानकारी होगी। स्मार्टफोन या लैपटॉप दिए जाने पर संबंधित छात्र से प्राप्ति रसीद ली जाएगी, जिसमें उनका नाम, पता, और अन्य आवश्यक जानकारी होगी। प्राप्ति रसीद में यह उपक्रम भी लिखवाया जाएगा कि स्मार्टफोन या लैपटॉप के दुरुपयोग की स्थिति में प्राप्तकर्ता दोषी होंगे। प्रधानाध्यापकों की अनुशंसा पर दिए जाएं उपकरण।