बिलिंग एजेंसी के सर्वे के जरिए शहर के कई इलाकों में बिजली चोरी का खुलासा हुआ है जिसके बाद जेबीवीएनएल बिजली चाेरी पर नकेल कसने की तैयारी में है। शहर की घनी आबादी वाले क्षेत्रों में बिजली चाेरी पर अब ड्रोन कैमरों से नजर रखने की तैयारी चल रही है। कई इलाकों में लोगों द्वारा टाेंका फंसाकर बिजली चोरी की शिकायत विभाग को मिलती रही है। लेकिन अवैध कनेक्शन को लेकर मौके पर अधिकारियों को कोई पुख्ता सबूत नहीं मिल पाता है।
बिजली चाेरी राज्य की गंभीर समस्या है। जिससे निपटने के लिए जेबीवीएनएल ने नई याेजना बनाई है, जिसमें ड्रोन कैमरे की मदद से बिजली चाेरी का पता लगाया जा सकेगा। जहां एक ओर रांची में इस याेजना की शुरुआत कर दी गई है, वहीं जल्द ही धनबाद और जमशेदपुर में भी याेजना काे लागू किया जाएगा। बड़े पैमाने पर हो रही बिजली चोरी का खुलासा बिलिंग का कार्य कर रही एजेंसी की रिपाेर्ट में हुआ था।
जेबीवीएनएल की ओर से टीम का भी गठन किया गया है जो कि शहर के अपार्टमेंट के फ्लैटाें में हाे रही बिजली चाेरी पर नजर रखेगी। इस टीम में सभी सबडिवीजन के सहायक और कनीय अभियंता शामिल है। टीम में शामिल अधिकारी सबडिवीजन के अनुसार अवैध कनेक्शन के रोकथाम के लिए अभियान चलाकर अपार्टमेंट में जाकर फ्लैटाें की संख्या के अनुसार मीटर की जांच करेंगे। बिजली चोरी के दोषी पाए जाने पर उन पर कार्रवाई भी करेंगे।
बिजली की चोरी से जेबीवीएनएल काे करोड़ों रुपए का नुकसान रहा है। ऐसे में अगर ये योजना कारगर साबित हुई तो अवैध बिजली कनेक्शन पर रोकथाम तो होगा ही, साथ ही लोगों को वैध कनेक्शन लेना होगा। जिसके परिणाम यह होंगे कि जेबीवीएनएल काे हर महीने करोड़ों रुपए का राजस्व प्राप्त हाेगा।