चीफ इंजीनियर वीरेंद्र राम के ठिकानों पर दूसरे दिन भी ED की छापेमारी..

रांची: प्रवर्त्तन निदेशालय (ईडी) की टीम झारखंड के चीफ इंजीनियर वीरेंद्र राम के ठिकानों लगातार दूसरे दिन भी छापेमारी की। ग्रामीण कार्य विभाग के मुख्य अभियंता वीरेंद्र राम कई नौकरशाहों और नेताओं के करीबी रहे हैं। यह जानकारी ईडी के द्वारा की गई छापेमारी में सामने आई है। वीरेंद्र राम के पास 125 करोड़ से अधिक की संपत्ति की जानकारी ईडी के हाथ लगी है। वीरेंद्र राम फिलहाल ईडी की हिरासत में है। पूछताछ में ईडी के समक्ष वीरेंद्र राम ने कई खुलासा किया है। जानकारी के अनुसार ईडी को यह भी पता चला है कि उन्होंने नौकरशाहों और नेताओं के काले धन का भी निवेश किया है। पद का दुरुपयोग कर अवैध संपत्ति अर्जित करने के मामले में अब यह तय हो गया है कि वीरेंद्र राम की गिरफ्तारी कभी भी हो सकती है। ईडी ने बुधवार शाम ही उन्हें हिरासत में ले लिया था। वीरेंद्र राम से ईडी के क्षेत्रीय कार्यालय में देर रात तक पूछताछ चलती रही।

वीरेंद्र राम के पास से एक पेन ड्राइव भी मिला है। चर्चा है कि उस पेन ड्राइव कई ठेकेदारों से पैसे लेने और कई राजनेताओं को पहुंचाने के सबूत है। हालांकि अभी तक इसकी पुष्टि किसी स्तर पर नहीं हो पाई है। इसके बावजूद वीरेंद्र राम से करीबी संबंधों के कारण आधा दर्जन से अधिक राजनेता ईडी के रडार पर आ गए हैं। दो दिनों तक चली ईडी की छापेमारी में भारी मात्रा में सोना-हीरे के जेवरात मिले हैं, जिसकी कीमत डेढ़ करोड़ रुपये से अधिक आंकी गई है। करीब 50 लाख रुपये नकदी के साथ करोड़ों के निवेश से संबंधित जानकारी भी ईडी को मिली है।

चार्टेड अकाउंटेड के जरिए काले धन को सफेद करने की कोशिश..
ईडी को छापेमारी में पता चला कि दिल्ली के छतरपुर में वीरेंद्र राम ने अपने पिता गंगा राम के नाम पर चार करोड़ का मकान भी खरीदा था, जिसे आलीशान बनाने के लिए निर्माण चल रहा था। वीरेंद्र राम ने अपने चार्टर्ड अकाउंटेंट के माध्यम से काले धन को सफेद बनाने की कोशिश की थी, जिसके बारे में ईडी को जानकारी मिली थी।

अकाउंटेंट के ठिकानों पर छापेमारी..
इस मामले में ईडी ने उनके चार्टर्ड अकाउंटेंट के ठिकाने पर भी छापेमारी की थी। ईडी को छापेमारी में वीरेंद्र राम के ठिकाने से आठ महंगी गाड़ियाें के अलावा छह आलीशान मकान भी मिले हैं, जिसके कागजात की जांच जारी है। करोड़ों के निवेश ने ईडी को भी चौंकाया है। जब्त दस्तावेज पर ईडी वीरेंद्र राम से पूछताछ कर रही है।

एसीबी की कार्रवाई के बाद वीरेद्र राम के खिलाफ जांच का खुला था रास्ता..
झारखंड पुलिस के भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की कार्रवाई ने ही ईडी को मनी लॉड्रिंग के बिंदु पर जांच के लिए रास्ता सुझाया था। दरअसल 16 नवंबर 2019 में जमशेदपुर में ग्रामीण कार्य विभाग के कनीय अभियंता सुरेश प्रसाद वर्मा के घर से झारखंड पुलिस ने 2.44 करोड़ रुपये की बरामदगी की थी। तब सुरेश कुमार वर्मा को जमशेदपुर में डिमना चौक के पास एक ठेकेदार विकास कुमार शर्मा से 10 हजार रुपये रिश्वत लेते हुए झारखंड पुलिस की भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने गिरफ्तार किया था। इसके बाद एसीबी ने सुरेश कुमार वर्मा के आवास पर छापेमारी की थी, जहां से 2.44 करोड़ रुपए बरामद किए गए थे। सुरेश कुमार वर्मा ने पूछताछ में यह स्वीकार किया था कि उक्त राशि उनके वरिष्ठ अधिकारी वीरेंद्र राम के हैं। जेई सुरेश कुमार वर्मा तब जेल भेजे गए थे। इसके बाद सुरेश कुमार वर्मा ने तत्कालीन लोकायुक्त जस्टिस ध्रुव नारायण उपाध्याय के यहां लिखित शिकायत की थी। इस मामले में जांच आगे बढ़ी ही थी कि लोकायुक्त का काेरोना संक्रमण के चलते निधन हो गया था। उसके बाद से ही लोकायुक्त झारखंड का पद रिक्त पड़ा है और जांच भी बंद है।

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