झारखंड की IAS पूजा सिंघल के ठिकानों पर ED की छापेमारी, 17 करोड़ नकदी बरामद..

रांची: बहुचर्चित मनरेगा घोटाले की जांच कर रहे प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने आज बड़ी कार्रवाई की है। ईडी ने मनरेगा घोटाले के वक्त खूंटी की तत्कालीन उपायुक्त सह वर्तमान में झारखंड सरकार की खान एवं उद्योग विभाग की सचिव आइएएस अधिकारी अधिकारी पूजा सिंघल व उनके सहयोगियों से जुड़े पांच राज्यों के 25 ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की। ईडी सूत्रों के अनुसार इस छापेमारी में अभी शाम तक 17 करोड़ रुपये नकदी समेत कई महत्वपूर्ण दस्तावेज मिले हैं, जिसकी समीक्षा की जाएगी।

छापेमारी में करीब 150 करोड़ की बेहिसाब संपत्ति से संबंधित दस्तावेज भी मिले हैं, जिसकी छानबीन जारी है। ईडी की टीम मनरेगा घोटाले के साथ-साथ पूजा सिंघल के पूरे कार्यकाल की जांच कर रही है, जिसमें कई जिलों के उपायुक्त के कार्यकाल के वक्त के विवादित मामले भी हैं। झारखंड उच्च न्यायालय में दायर शपथ पत्र में ईडी ने इसका जिक्र भी किया था। ईडी की यह छापेमारी सभी 25 ठिकानों पर शुक्रवार की सुबह करीब सात बजे एक साथ शुरू हुई है। ये ठिकाने झारखंड के रांची, राजस्थान के जयपुर, पश्चिम बंगाल के कोलकाता, बिहार के मुजफ्फरपुर व दिल्ली एनसीआर में हैं।

रांची में कांके रोड के चांदनी चौक स्थित पंचवटी रेजिडेंसी के फ्लैट नंबर 904, लालपुर के हरिओम टावर स्थित नई बिल्डिंग, बरियातू के पल्स अस्पताल, पूजा सिंघल के सरकारी आवास, उनके पति अभिषेक झा के आवास में भी छापेमारी हुई है। राजस्थान के जयपुर में सहयोगी आरके जैन, कोलकाता में तत्कालीन एंट्री आपरेटर, दिल्ली में पूजा सिंघल के भाई, उनके चार्टर्ड अकाउंटेंट के यहां छापेमारी हुई है। बिहार के मुजफ्फरपुर में पूजा सिंघल का ससुराल है, जहां ईडी ने तलाशी ली है।

इधर गोड्डा के सांसद डा. निशिकांत दुबे ने ट्वीट कर लिखा है कि पूजा सिंघल ने मुख्यमंत्री, उनके भाई, गुर्गों आदि को कौड़ी के भाव में खान आवंटित किया। आखिर, उनके यहां ईडी का छापा पड़ ही गया जो देश में 20 ठिकानों पर चल रहा है। यह छापेमारी रांची, दिल्ली, राजस्थान, मुंबई में चल रही है।

ईडी ने हाई कोर्ट को बताया, पूजा सिंघल के सभी मामलों की हो रही जांच
ईडी ने मनरेगा घोटाले के एक मामले में झारखंड उच्च न्यायालय के आदेश पर पूरे मामले की जानकारी से संबंधित शपथ पत्र दायर की थी। ईडी ने शपथ पत्र के माध्यम से कोर्ट को बताया था कि झारखंड के खूंटी जिले में मनरेगा में 18.06 करोड़ रुपये के घोटाले के वक्त वहां की उपायुक्त पूजा सिंघल थी। इस मामले में वहां के कनीय अभियंता राम विनोद प्रसाद सिन्हा गिरफ्तार कर जेल भेजे गए थे, जिन्होंने ईडी को दिए अपने बयान में यह स्वीकार किया था कि कमीशन की राशि उपायुक्त कार्यालय तक पहुंचती थी।

ईडी ने चतरा और पलामू के भी दोनों मामलों की चल रही जांच की जानकारी अपने शपथ पत्र के माध्यम से हाई कोर्ट को दी थी। शपथ पत्र में बताया था कि पूजा सिंघल चतरा जिले में अगस्त 2007 से जून 2008 तक उपायुक्त के पद पर तैनात थीं। आरोप है कि उन्होंने दो एनजीओ को मनरेगा के तहत छह करोड़ रुपये का अग्रिम भुगतान किया था। इन दोनों एनजीओ में वेलफेयर पाइंट और प्रेरणा निकेतन शामिल है।

उक्त राशि मूसली की खेती के लिए आवंटित की गई थी। जबकि इस तरह का कोई कार्य वहां नहीं हुआ था, जिसकी जांच अभी जारी है। इसके अलावा पलामू जिला में उपायुक्त रहते हुए पूजा सिंघल पर यह आरोप है कि उन्होंने करीब 83 एकड़ जंगल भूमि को निजी कंपनी को खनन के लिए ट्रांसफर किया था। यह कठौतिया कोल माइंस से जुड़ा मामला है। ईडी ने कोर्ट को बताया था कि इस मामले की भी जांच जारी है।