बिना बारिश के धनबाद में उत्पन्न हुई सूखे जैसी स्थिति..

Jharkhand: मानसून का शुभारंभ हो गया है। पूरे देश में तीव्र मात्रा में बारिश हो रही है। कहीं-कहीं ऐसी स्थिति उत्पन्न हो गई है। कि लोगों को बाढ़ का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे समय झारखंड में स्थित धनबाद जिले मैं बिना बारिश के सूखे की स्थिति उत्पन्न हो गई है। खेतों में बिचड़े सूख रहे हैं। तालाब में पानी नहीं है। कम बारिश ने सरकार के तीन विभागों के माथे पर पसीना ला दिया है। सभी बारिश की उम्मीद लगाए बैठे हैं। धनबाद में अभी तक मात्र 70 मिलीमीटर बारिश हुई है, जो सामान्य से 75 प्रतिशत कम है।

बिचड़ा सूखने लगा है….
धनबाद जिले में 38 हजार हेक्टेयर जमीन में धान की खेती होती है। खेतों में बिचड़ा डालने का काम 15 जुलाई के बाद शुरू कर दिया जाता है, लेकिन इसे पहले ही खेतों में बीज डालकर बिचड़ा तैयार किया जाता है। बारिश नहीं होने के करना कुछ जगहों पर बिचड़ा सूखने लगा है। धनबाद में अब तक 64.4 मिलीमीटर बारिश हुई है, जबकि 260 मिलीमीटर बारिश होनी चाहिए थी। जिला कृषि पदाधिकारी शिव कुमार राम ने कहा कि अगले चार दिन खेती के लिए महत्वपूर्ण है। अगर बारिश हो गई तो बिचड़ों में जान आ जाएगी।

मकई, मडुआ, सब्जी के खेती हो गए है चौपट…
धनबाद के किसान सहदेव महतो बताते हैं कि खेती के लिए वर्षापात अनुकूल होने पर अब तक धनरोपनी शुरू हो जाती, लेकिन इस वर्ष धनरोपनी की बात तो दूर अब तक 50 फीसदी किसानों ने खेतों में बिचड़े भी नहीं डाले है। और जो मकई, मडुआ, सब्जी आदि की खेती की गई थी वह तो अब चौपट ही हो गई है।

कम बारिश का असर तालाबों पर भी पड़ा…
धनबाद में बारिश कम होने के कारण तालाबों का भी जलस्तर कम हो गया है जुलाई में लबालब भरे रहने वाले तालाबों में पानी नहीं है। जिला मत्स्य विभाग मछली का जीरा डालने की तैयारी कर रहा है, लेकिन तालाबों में पानी नहीं रहने से समय पर जीरा डालने में भी संशय है। जिला मत्स्य पदाधिकारी मुजाहिद अंसारी ने कहा कि एक महीने बारिश नहीं होने से समय पर जीरा डालना मुश्किल होगा साथ ही तलाब पर निर्भर जनता को भी बहुत सारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। वर्षा कम होने के कारण ग्राउंड वाटर भी बहुत नीचे चला गया है। जिसके कारण धनबाद के लोगों को पानी की समस्या का भी सामना करना पड़ रहा है।

बारिश पौधे भी सूख रहे है….
वन विभाग के द्वारा इस बार पूरे जिले में तीन लाख पौधे लगाने का लक्ष्य रखा गया है। पांच जून से इसकी शुरुआत भी हो चुकी है। बलियापुर, टुंडी और निरसा इलाके में लगभग पांच हजार से अधिक पौधे लगाए जा चुके है। बारिश नहीं होने से पौधे सूखने लगे है। वन विभाग भी इसे लेकर चिंतित है। वन विभाग टैंकर से पानी देकर पौधों को बचाने का प्रयास कर रहे है, लेकिन बिना बारिश के पौधों को बचाना मुश्किल लग रहा है।