रांची : झारखंड में राज्यपाल के पद पर द्रौपदी मुर्मू की जगह रमेश बैश ने कमान संभाली है। द्रौपदी मुर्मू झारखंड में सबसे लंबी अवधि तक राज्यपाल रही हैं। मुर्मू 5 साल का कार्यकाल खत्म होने के बाद भी वे इस पद पर बनी रही। उनका कार्यकाल 17 मई 2020 को ही समाप्त हो गया था। मुर्मू झारखंड के राज्यपाल के रूप में हमेशा आदिवासियों, बालिकाओं के हितों को लेकर तत्पर रहीं। झारखंड की पहली महिला राज्यपाल बनने वाली द्रौपदी मुर्मू का 6 साल का कार्यकाल विवादों में भी रहा। विश्वविद्यालय के चांसलर के रूप में द्रौपदी मुर्मू ने अपने कार्यकाल के दौरान चांसलर पोर्टल पर सभी विश्वविद्यालयों के कॉलेजों के लिए एक साथ ऑनलाइन नामांकन शुरू कराया। जिसके कारण कई विधार्थियों को इससे लाभ पहुंचा।
भाजपा की ही पिछली सरकार में सीएनटी-एसपीटी संसोधन विधेयक सहित कई विधेयकों को सरकार को वापस लौटाने का सख्त कदम उठाया।
खूंटी में भी पत्थलगड़ी की समस्या के समाधान को लेकर वहां के परंपरागत ग्राम सभाओं, मानकी, मुंडा और अन्य प्रतिनिधियों को बुलाकर उनके साथ बातचीत की। जिसके बाद यह उनकी अच्छी पहल मानी जाती है। द्रौपदी मुर्मू अपनी सादगी के लिए याद की जायेंगी। राज्यपाल के रूप में मुर्मू प्रतिदिन विभिन्न संस्थाओं के प्रतिनिधियों और किसी समस्या को लेकर आनेवाले लोगों से मुलाकात करती थी।