राजस्थान में दौसा जिले के लालसोट में पिछले दिनों रिम्स की छात्रा रही डॉ. अर्चना शर्मा की मौत मामले को लेकर झारखंड में गुस्सा बढ़ता जा रहा है। इस घटना के जिम्मेवार लोगों पर कार्रवाई की मांग को लेकर राज्यभर के डॉक्टर आज सुबह सात बजे से शाम सात बजे तक कार्य बहिष्कार करेंगे। इस दौरान ओपीडी सेवा बंद रहेगी। हालांकि इमरजेंसी सेवा बाधित नहीं की जाएगी। कार्य बहिष्कार का ऐलान झारखंड आईएमए, झारखंड राज्य स्वास्थ्य संगठन(झासा) एवं एसोसिएशन ऑफ हेल्थकेयर प्रोवाइडर्स (एपीएचआई) ने किया है। इससे पहले आईएमए ने शुक्रवार शाम कैंडल मार्च भी निकाला।
झारखंड आईएमए के सचिव डॉ प्रदीप कुमार सिंह ने कहा है कि सभी डॉक्टर चाहे वह सरकारी या निजी अस्पतालों में, काम करते हैं, क्लिनिक चलाते हैं या जहां भी काम करते हैं, वह शनिवार सुबह 7:00 बजे से शाम 7:00 बजे तक कार्य बहिष्कार करेंगे। हालांकि, इस अवधि में भी आपातकालीन सेवा बाधित नहीं की जाएगी।
रांची से ही पढ़ी थी डॉ अर्चना..
झासा सचिव डॉ बिमलेश सिंह ने बताया कि डॉ अर्चना झारखंड से जुड़ी हुईं थीं। उनकी प्रारंभिक एवं मेडिकल की शिक्षा (रिम्स)रांची में ही हुई थी। हम सभी इस घटना से काफी मर्माहत हैं। डॉ अर्चना पुलिस प्रशासन एवं जन प्रतिनिधियों की प्रताड़ना से तंग आकर खुदकुशी को मजबूर हुई। यह आत्महत्या नहीं हत्या है। दोषियों की गिरफ्तारी एवं कठोर सजा मिले साथ ही भविष्य में ऐसी घटना कही भी नहीं हो इसकी मांग करते हुए आईएमए एवं झासा संयुक्त रूप से आज राज्य के सभी सरकारी एवं गैर सरकारी अस्पतालों में कार्य बहिष्कार करने का फैसला लिया है। यह निर्णय झासा के राज्य कार्यकारिणी द्वारा सर्वसम्मति से लिया गया है। वहीं, एपीएचआई के अध्यक्ष जोगेश गंभीर ने भी राज्य के सभी चिकित्सा प्रतिष्ठानों से आज सुबह 7 बजे से शाम 7 बजे तक ओपीडी बंद रखने का आह्वान किया है।
स्वास्थ्य सचिव को दी सूचना..
झारखंड राज्य स्वास्थ्य संगठन(झासा) सचिव डॉ बिमलेश सिंह ने स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव को पत्र लिखकर शनिवार को सभी सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों के द्वारा ओपीडी कार्य बहिष्कार किए जाने की सूचना दे दी है। साथ ही कहा है कि इस दौरान आपातकालीन सेवा बाधित नहीं की जाएगी।
राजस्थान के दौसा की डॉक्टर थीं अर्चना..
दौसा के लालसोट कस्बे की डॉक्टर अर्चना शर्मा के सुसाइड केस ने समूचे राजस्थान को हिलाकर रख दिया है। प्रसूता की मौत के बाद दर्ज हुए हत्या के केस से आहत होकर डॉ. अर्चना शर्मा ने सुसाइड कर लिया था। मौत को गले लगाने से पहले डॉ. अर्चना शर्मा ने अपने सुसाइड नोट में जो मार्मिक अपील की है वह दिल को झकझोर देने वाली है।
अपने सुसाइड नोट में अर्चना ने लिखा की ”Don’t Harass Innocent Doctors”. डॉ. अर्चना शर्मा का यह सुसाइड नोट सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है। इस केस में हर कोई उनके परिवार के साथ खड़ा नजर आ रहा है। सोशल मीडिया में इसको लेकर कई तरह के कमेंट किये जा रहे हैं।
डॉ. अर्चना शर्मा के सुसाइड नोट के मजमून को पढ़कर हर कोई स्तब्ध है। हिन्दी और अंग्रेजी में कॉमन रूप से लिखे अपने सुसाइड नोट में डॉ. अर्चना शर्मा ने लिखा कि ” मैं मेरे पति और बच्चों से बहुत प्यार करती हूं. कृपया मेरे मरने के बाद उन्हें परेशान नहीं करना. मैंने कोई गलती नहीं की किसी को नहीं मारा। PPH एक कॉमन कॉम्लिकेशन है। इसके लिये डॉक्टर को इतना प्रताड़ित करना बंद करो। मेरा मरना शायद मेरी बेगुनाही साबित कर दे। Don’t Harass Innocent Doctors. प्लीज लव यू प्लीज मेरे बच्चों को मां की कमी महसूस नहीं होने देना।