धनबाद: भारत-पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय सीमा पर स्थित भारतीय सेना की राजस्थान के जैसलमेर जिले में स्थित किशनगढ़ फील्ड फायरिंग रेंज में रविवार को हादसा हो गया। यहां मोर्टार का गोला फटने से झारखंड के धनबाद निवासी बीएसएफ के जवान संदीप सिंह की मौत हो गई। इस घटना में पांच जवान घायल हो गए। संदीप कुमार सिंह की माैत की खबर धनबाद के टुंडी प्रखंड के चरककला गांव पहुंचने पर मातम पसर गया। चार साल पहले ही संदीप की शादी हुई थी। किशनगढ़ फायरिंग रेंज भारत-पाक बॉर्डर पर तनोत के पास स्थित है। यहां लगातार अभ्यास चलता रहता है. रविवार को भी बीएसएफ के जवान नियमित अभ्यास में जुटे हुये थे. इसी दौरान सुबह यह हादसा हो गया। हादसा होते ही वहां एकबारगी अफरातफरी मच गई और घायल जवानों को तत्काल समीप स्थित रामगढ़ के अस्पताल ले जाया गया और वहां उनका इलाज शुरू किया गया। इलाज के दाैरान चिकित्सकों ने संदीप कुमार को मृत घोषित कर दिया।
जानकारी के अनुसार फायरिंग रेंज में अभ्यास के लिए आए जवान सर्दी के कारण वहां साफ जगह देखकर अलाव जलाकर तापने लगे। उन्हें नहीं पता था कि उसी के नीचे जीवित बम दबा हुआ है। कुछ ही देर में आग की गर्मी जमीन में दबे बम तक पहुंच गई और उसमें जोरदार धमाका हो गया। धमाका इतना जोरदार था कि जवान काफी दूर तक उछलकर जा गिरे और वहां अफरातफरी मच गई। हादसे में एक बीएसएफ जवान शहीद हो गया।
हादसा होते ही साथी जवानों ने घायलों को संभाला और सभी को एम्बुलेंस से रामगढ़ अस्पताल पहुंचाया। इधर जानकारी मिलने पर बीएसएफ के आला अधिकारी रामगढ़ अस्पताल पहुंचे। उन्होंने हादसे की जानकारी लेकर घायलों का बेहतर उपचार करवाने के लिए जैसलमेर भिजवाया। सूचना पर रामगढ़ थानाधिकारी चुन्नीलाल विश्नोई भी पुलिस फोर्स के साथ अस्पताल पहुंचे और हादसे की जांच शुरू की। बता दें की किशनगढ़ फील्ड फायरिंग रेंज में अक्सर फायरिंग का अभ्यास चलता रहता है। फायरिंग के दौरान कुछ बम ऐसे होते है जो फटते नहीं है और जमीन में दबे रह जाते हैं। इस रेंज में स्क्रेप बीनने का ठेका नहीं होने के कारण बीते पांच वर्षों से चल रही फायरिंग का स्क्रेप रेंज में ही बिखर पड़ा है। इसमें कई जीवित बम जमीन में दबे पड़े हैं। अगर यहां से स्क्रेप बीनने का ठेका हो चुका होता तो शायद ये हादसा नहीं होता।
2017 में संदीप की हुई शादी, एक तीन साल की बच्ची..
हादसे में शहीद बीसीएफ जवान संदीप सिंह धनबाद के टुंडी प्रखंड के मनियाडीह थाना क्षेत्र के चरककला गांव के रहने वाले थे। घटना के बाद उनके घर समेत पूरे टुंडी में गम का माहौल है। मई 2017 में उनकी शादी गोड्डा के पोड़ेयाहाट के गांव चतरा में हुई। उनकी एक तीन साल की बच्ची सौम्या सिंह है। घटना की सूचना बीएसएफ के पदाधिकारियों ने सुबह दूरभाष पर घर के लोगो को दी। घटना के बाद उनके टुंडी निवास पर मातम पसरा हुआ है।