रांची: सीबीआई के विशेष न्यायाधीश रजनीकांत पाठक की अदालत ने आज धनबाद के अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश अष्टम उत्तम आनंद हत्याकांड में बड़ा फैसला सुनाया है. मिली जानकारी के मुताबिक दोषी राहुल वर्मा एवं लखन वर्मा को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गयी है. साथ ही साथ 30 हजार रुपये की जुर्माना भी लगायी गयी है. जैसा कि ज्ञात हो 28 जुलाई 2022 को उत्तम आनंद की पहली पुण्यतिथि थी. ऐसी संभावना जतायी जा रही थी कि इसी दिन कोर्ट फैसला सुना सकती है. हालांकि, सजा तो नहीं लेकिन, आरोपियों को इस दिन दोषी करार दिया गया था. आपको बता दें कि सीबीआई के स्पेशल कोर्ट ने उन्हें भारतीय दंड संहिता की धारा-302 और 201 के तहत दोषी ठहराया था. जिसके 10 दिन बाद यानी आज कोर्ट की ओर से दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुना दी गयी.
क्या था पूरा मामला?
गौरतलब है कि पिछले वर्ष 28 जुलाई 2021 को जज उत्तम आनंद सुबह करीब पांच बजे रोज की तरह मार्निंग वॉक पर निकले हुए थे. पीछे से तेज गति में एक ऑटो ने उन्हें टक्कर मार दी. जज को रणधीर वर्मा चौक के पास टक्कर लगी, जहां मौके पर ही उनकी मौत हो गयी. सीसीटीवी फुटेज में देखने से लग रहा था कि यह हत्या जान-बुझ कर की गयी है. यही कारण था कि 28 जुलाई 2022 को अदालत ने फैसला सुनाते हुए कहा- हर हत्याकांड कोई मंशा हो ये जरूरी नहीं. यदि अभियुक्त यह जानता है कि उसके कार्य से किसी की मौत हो जाए तो फिर इंटेंशन की जरूरत नहीं.
कैसे हुई आरोपितों की गिरफ्तारी?
घटना के बाद ऑटो सवार भाग चुका था. हालांकि, धनबाद पुलिस की छानबीन के बाद आरोपी ऑटो ड्राइवर लखन वर्मा गिरिडीह से गिरफ्तार हुआ. जबकि, एक अन्य आरोपी राहुल वर्मा को पुलिस ने धनबाद स्टेशन के समीप से ही गिरफ्तार कर लिया. शुरू में इस मामले की जांच जिला पुलिस द्वारा की जा रही थी. जिसे बाद में राज्य सरकार द्वारा गठित एसआईटी ने की.