रांची : कोरोना महामारी और लॉकडाउन के बावजूद भी झारखंड सरकार की कमाई बढ़ गई है। वित्तीय वर्ष 2021-22 की पहली तिमाही में वाणिज्यकर विभाग का कर संग्रह 3649.21 करोड़ रुपए रहा है, जो कि पिछले साल की समान अवधि में हुई टैक्स वसूली 2323.30 करोड़ से 1325.91 करोड़ अधिक है। अप्रैल से जून के बीच जीएसटी और वैट दोनों के टैक्स संग्रह में बढ़ोतरी हुई है।
पेट्रोल और डीजल की बढ़ी कीमतों के कारण वैट संग्रह बढ़ गया। वैट से सरकार के खाते में 1339 करोड़ रूपये आए। वैट से आने वाली मुख्य आय का स्रोत पेट्रोल और डीजल ही है। पिछले कुछ महीनों में पेट्रोल उत्पादों में तेजी से कीमतें बढ़ी है। जिसके कारण वैट भी बढ़ा। जिससे सरकारी खजाने में भी वृद्धि आई। पिछले तीन महीने में वैट से राज्य सरकार को 1290 करोड़ की आय हुई है। जबकि पिछले साल इन तीन महीने में महज 586 करोड़ सरकार के खाते में आए थे। जून माह का वैट कलेक्शन 367 करोड़ रहा। जबकि पिछले साल जून माह में 240 करोड़ रूपये सरकार के खाते में आए थे।
आईजीएसीटी सेंटेलमेंट के तहत झारखंड को 464 करोड़ और जीएसटी कंपनसेशन के रूप में 337 करोड़ राज्य को हासिल हुए। हालांकि पिछले साल की कंपनसेशन राशि की तुलना में यह कम है। पिछले साल जून के कंपनसेशन के मद में 470 करोड़ मिले थे जबकि इस साल 337 करोड़ ही मिले हैं। वाणिज्यकर विभाग का जून माह का कर संग्रह 1311.96 करोड़ रुपए रहा है। उनकी पिछले साल 1275.67 करोड़ रहा था।