देवघर रोपवे हादसा: हेलिकॉप्टर से रेस्क्यू कर रही वायु सेना; रातभर भूखे-प्यासे हवा में लटके रहे लोग..

झारखंड के देवघर में त्रिकुट पहाड़ के रोप-वे पर हादसे में 23 घंटे बाद भी 26 जिंदगियां फंसी हुई हैं। इन्हें निकालने के लिए सेना, वायुसेना और NDRF ने मोर्चा संभाला हुआ है। सोमवार दोपहर 12 बजे MI-17 हेलिकॉप्टर की मदद से दोबारा रेस्क्यू शुरू किया गया। अब तक 22 श्रद्धालुओं को बचाया गया। वहीं दो लोगों की मौत हो गई है। गौरतलब है की रविवार की शाम 4 बजे हादसा तब हुआ जब पहाड़ पर बने मंदिर की तरफ एक साथ 26 ट्रॉलियां रवाना कीं। जिससे तारों पर अचानक लोड बढ़ा और रोलर टूट गया। तीन ट्रॉलियां पहाड़ से टकरा गईं। इससे दो ट्रॉलियां नीचे गिर गईं। इनमें सवार 12 लोग जख्मी हो गए और दो लोगों की मौत हो गई। उधर, बाकी ट्रॉलियां आपस में टकराकर रुक गईं। अभी 18 ट्रॉलियां फंसी हुई हैं, जिसमें अब भी 26 लोग सवार हैं। इनमें छोटे बच्चे और महिलाएं भी हैं।

डर खत्म करने के लिए एक-दूसरे से करते रहे बात..
डर खत्म करने एक-दूसरे से बात करते रहे करीब 48 लोग पूरी रात इन ट्रॉलियों में भूखे-प्यासे फंसे रहे। रेस्क्यू किए गए लोगों ने बताया कि डर खत्म करने के लिए हम एक दूसरे से बात करते रहे। हम सभी पूरी रात सो नहीं पाए। भगवान से प्रार्थना कर रहे थे कि कैसे भी हम बच जाएं। सोमवार सुबह सेना ने रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया। सुबह करीब साढ़े छह बजे वायु सेना का हेलिकॉप्टर पहुंचा। इसमें कमांडो भी मौजूद थे। रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू करने से पहले हवाई सर्वे किया गया। केबिन में फंसे लोगों तक खाने का पैकेट पहुंचाने की कोशिश हुई।

रेस्क्यू ऑपरेशन में बेहद मुश्किल हो रही है..
सेना को रेस्क्यू में भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ा रहा है। दरअसल, ट्रॉलियां दो पहाड़ों के बीच फंसी हैं। नीचे खाई है। हेलिकॉप्टर को जैसे ही इनके पास ले जाया जाता है, तेज हवा की वजह से ये हिलने लगती हैं। बेहद संभलकर एयरलिफ्ट किया जा रहा है। कुछ लोगों को रस्सी के सहारे लोगों को निकाला गया।

हादसे में फंसे हुए लोगों की पहचान देवघर के अमित कुमार, खुशबू कुमारी, जया कुमारी, छठी लाल शाह, कर्तव्य राम, वीर कुमार, नमन, अभिषेक, भागलपुर के धीरज, कौशल्या देवी, अन्नु कुमारी, तनु कुमारी, डिंपल कुमार व वाहन चालक, मालदा के पुतुल शर्मा, सुधीर दत्ता, सौरव दास, नमिता, विनय दास के रूप में की गई।

गृह मंत्रालय की हाई लेवल मीटिंग..
इधर देवघर के त्रिकूट पहाड़ रोपवे की घटना को लेकर दिल्ली में गृह मंत्रालय की हाई लेवल मीटिंग चल रही है। आपको बता दें कि त्रिकूट पहाड़ पर हुए हादसे में फंसे लोगों को बचाने के लिए झारखंड सरकार ने केंद्र से मदद मांगी है। रोपवे पर फंसे हुए लोगों को नीचे उतारने के लिए राज्य सरकार ने केंद्रीय गृह मंत्रालय से सहायता का आग्रह किया है। राज्य के पर्यटन सचिव अमिताभ कौशल ने बताया कि राज्य सरकार के पास फंसे हुए पर्यटकों को उतारने के लिए विशेषज्ञ नहीं हैं। भारत सरकार से पर्यटकों को सुरक्षित नीचे उतारने के लिए हेलिकॉप्टर और विशेषज्ञ देने का आग्रह किया गया है।

रोपवे हादसे की होगी जांच..
पर्यटन मंत्री हफीजुल हसन ने कहा कि घटना दुःखद है। इस मामले की जांच करायेंगे. दिख रहा है पुलिया टेढ़ा था। कितना दिन से घिसा हुआ चल रहा था। एजेंसी वालों ने पहले ध्यान देकर मेंटेनेंस क्यों नहीं कराया। टर्म कंडिशन देखकर कंपनी को ब्लैक लिस्टेड कराएंगे, फिर टेंडर पर विचार होगा। वैकल्पिक व्यवस्था के तहत पीछे के रास्ते से सड़क को डेवलप कराएंगे, ताकि भविष्य में कोई अनहोनी हो तो राहत व रेस्क्यू चलाने में सहूलियत हो सके। सरकार व अधिकारियों की टीम तत्परता से लगी है।

दोषियों के खिलाफ होगी कार्रवाई..
वहीं शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने कहा कि इस मामले पर राजनीति नहीं हो। तकनीकी गड़बड़ी से घटना घटी है। सरकार इस मामले की जांच करायेगी। चाहे जिसकी भी निष्क्रियता हो, दोषी जो भी हों, उनके खिलाफ कार्रवाई होगी। झारखंड सरकार के अधिकारी रातभर से वहीं हैं। राहत व रेस्क्यू जारी है। सांसद निशिकांत पर तंज कसते कहा कि वे भारत सरकार के कोई अधिकारी नहीं हैं। सिर्फ बयानबाजी करने से कुछ नहीं होता। काम करना चाहिए। मुख्यमंत्री का आदेश है। वे लोग जायजा लेकर रिपोर्ट करेंगे। मृतक परिवार के प्रति गहरी संवेदना है। सरकार उनके लिये कुछ करेगी।

ट्रॉली में 7 लोग थे, जिंदगी में पहली बार इतना डर..
दुमका से आई सुशीला कुमारी ने बताया, ‘मेरी ट्रॉली में 7 लोग फंसे थे। उसमें से 3 बच्चे थे। करीब साढ़े 4 बजे होंगे तब हम बीच हवा में लटक गए। बचने की कोई उम्मीद ही नहीं थी। जिंदगी में पहली पर इतना डर लगा। आधी रात जहन में बस यही आ रहा था कि अब भगवान के पास चले जाएंगे। कोई नहीं बचा सकेगा। पर सेना ने सुरक्षित निकाल लिया हमें।’

ड्रोन बना मददगार..
घटनास्थल पर मौजूद ड्रोन संचालक ने बताया कि ड्रोन की मदद से ट्रॉली में फंसे लोगों को खाना पहुंचाया गया। अब तक 6 ट्रॉली में खाना दिया जा चुका है। साथ ही ड्रोन की सहायता से नीचे से रस्सी लेकर ट्रॉली तक पहुंचाया जा रहा है। उस रस्सी के माध्यम लोगों को नीचे से खाना बांध कर भेजा जा रहा है।

12 साल पहले 80 पर्यटक 4 घंटे हवा में लटके थे, 2014 में भी डेढ़ घंटे तक अटकी थी ट्रॉली..
12 साल पहले उद्घाटन साल में ही रोपवे की ट्रॉली 4 घंटे तक हवा में अटक गई थी। 2009 में उस दौरान श्रावणी मेला चल रहा था। जिसमें बड़ी संख्या में कांवरिया रोप-वे का आनंद लेने आए थे। अचानक रोप-वे में आई तकनीकी खामी की वजह से ट्रॉली हवा में अटक गई थी। उस दौरान 80 पर्यटक फंस गए थे। वहीं 2014 में भी ट्रॉली डेढ़ घंटे तक हवा में फंस गई थी, जिसमें काफी संख्या में पर्यटक सवार थे। नीचे उतरने के बाद पर्यटकों ने काफी हंगामा मचाया था।

त्रिकुट पहाड़ पर हर साल हजारों लोग जाते हैं..
झारखंड का एकमात्र रोपवे देवघर के त्रिकुट पर्वत पर है। इसके माध्यम से यहां आए पर्यटक पर्वत पर जाते हैं। रविवार को रोपवे ने ज्योंही यात्रा प्रारंभ की, इसके टाप लेवल के रोप का सैप टूट गया। रोप वे का संचालन दामोदर वैली कंपनी करती है। इससे सालाना तकरीबन 80 लाख रुपये सरकार को मिलते हैं। रोपवे के शुरू होने पर एक तरफ से 12 केबिन और दूसरी तरफ से 12 केबिन एक साथ चलते हैं। घटना ऊपर से नीचे आने वाले रोपवे के सैप टूटने से हुई है। इससे रोपवे बंद हो गया। हालांकि नीचे से ऊपर की ओर जाने वाला सैप नहीं टूटा था। इस घटना में टाप के दो केबिन के यात्री ज्यादा घायल हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *