बोकारो, झारखंड: झारखंड के आदिवासी समाज और राज्य की राजनीति में अमिट छाप छोड़ने वाले वरिष्ठ नेता व दिशोम गुरु शिबू सोरेन के सम्मान में बोकारो हवाई अड्डे का नामकरण उनके नाम पर करने की मांग जोर पकड़ने लगी है। इस संबंध में बोकारो सरना विकास समिति ने बुधवार को सेक्टर-12 में एक अहम बैठक आयोजित की। बैठक की अध्यक्षता महेश मुंडा ने की, जिसमें समिति के सभी सदस्यों ने सर्वसम्मति से इस मांग को उठाया।
बैठक में वक्ताओं ने कहा कि दिशोम गुरु शिबू सोरेन ने आदिवासी समुदाय के अधिकार, पहचान और सम्मान की रक्षा के लिए दशकों तक संघर्ष किया है। उनकी राजनीतिक यात्रा बोकारो और आस-पास के क्षेत्रों से ही शुरू हुई थी। इसलिए यह बिल्कुल न्यायोचित और सम्मानजनक होगा कि बोकारो हवाई अड्डे का नामकरण उनके नाम पर किया जाए।
बैठक में महेश मुंडा ने कहा, “जिस प्रकार पटना एयरपोर्ट का नाम लोकनायक जयप्रकाश नारायण के नाम पर, कोयलांचल विश्वविद्यालय का नाम बिनोद बिहारी महतो के नाम पर और झारखंड के दिवंगत शिक्षा मंत्री जगन्नाथ महतो के नाम पर नया मेडिकल कॉलेज बनाया जा रहा है, वैसे ही बोकारो हवाई अड्डा का नाम दिशोम गुरु शिबू सोरेन के नाम पर रखा जाना चाहिए।”
उन्होंने यह भी घोषणा की कि सरना विकास समिति का एक प्रतिनिधिमंडल जल्द ही मुख्यमंत्री श्री हेमंत सोरेन से मिलकर इस संबंध में ज्ञापन सौंपेगा। साथ ही केंद्र सरकार से भी आग्रह किया जाएगा कि इस मांग पर गंभीरतापूर्वक विचार किया जाए।
बैठक में सरना समाज के अन्य प्रमुख प्रतिनिधियों— चंदू सिंह मुंडा, अजय सवांइयां, संजू सामंता, मणिलाल मुंडा, गणेश बिरूआ, रोहित कच्चप, आकाश सोय और लक्ष्मण मरांडी— ने भी इस प्रस्ताव का जोरदार समर्थन किया।
समिति ने कहा कि यह केवल एक नामकरण की मांग नहीं, बल्कि एक ऐतिहासिक न्याय और आदिवासी पहचान को सशक्त बनाने की पहल है।