झारखंड में कहर बन कर बरपे कोरोना की दूसरी लहर में ज्यादा संक्रमण फैलने तथा अधिक लोगों की मृत्यु होने के पीछे कोरोना के डेल्टा वेरिएंट (B.1.617.2) को जिम्मेदार माना जा रहा है। ऐसा इसलिए क्योंकि झारखंड में सबसे अधिक इसी के वैरिएंट पाए गए हैं। जिन जिलों में ये वैरिएंट मिले हैं, वहाँ अधिक संक्रमण तथा अधिक कोरोना मरीजों की मौत हुई है। डेल्टा वैरिएंट में संक्रमण की क्षमता काफी ज्यादा होती है और इसे बहुत खतरनाक माना जाता है।
भुवनेश्वर स्थित रीजनल जीनोम सीक्वेंसिंग लेबोरेट्री में कराए गए जीनोम सीक्वेंसिंग में 75 प्रतिशत सैंपलों में कोरोना के खतरनाक वेरिएंट (वेरिएंट ऑफ कंसर्न) पाए गए हैं जिसमें सबसे अधिक संख्या डेल्टा वेरिएंट की है। कोरोना के विविध वेरिएंट या स्वरूप की जानकारी के लिए आरटी-पीसीआर टेस्ट में पाॅजिटिव पाए गए सैंपलों की जीनोम सीक्वेंसिंग कराई जाती है।
अबतक 363 सैंपलों की जीनोम सिक्वेंसिंग कराई जा चुकी है। इनमें 301 में कोरोना के विभिन्न वेरिएंट पाए गए हैं। इन 301 सैंपलों में से 29 सैंपलों में अल्फा (UK वेरिएंट) तथा 272 में डबल म्यूटेंट के विभिन्न उपसमूहों के वेरिएंट मिले हैं। डबल म्यूटेंट के 272 सैंपलों में 171 सैंपलों में डेल्टा वेरिएंट मिले हैं। ये सभी डेल्टा वेरिएंट जमशेदपुर, धनबाद, हजारीबाग, रांची तथा पलामू में पाए गए हैं।
डेल्टा (बी.1.617.2) वेरिएंट की जिलेवार संख्या
जमशेदपुर : 66
धनबाद : 32
हजारीबाग : 31
रांची : 23
पलामू : 19
अन्य वैरिएंट की जिलेवार संख्या
• बी.1.617 (डबल वेरिएंट)–
रांची : 03
जमशेदपुर : 03
• बी.1.1.7 (अल्फा)–
रांची : 18
जमशेदपुर : 07
हजारीबाग : 02
पलामू : 02
• बी.1.617.1 (कापा)–
जमशेदपुर : 43
रांची : 08
हजारीबाग : 05
धनबाद : 04
पलामू : 03