कोरोना वैक्सीन को लेकर आखिरकार पूरे भारत का इंतजार आज खत्म हुआ| विश्व के सबसे बड़े टीकाकरण अभियान के तहत झारखंड में भी बड़े पैमाने पर टीकाकरण की शुरूआत हुई| मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सदर अस्पताल पहुंचकर टीकाकरण का औपचारिक शुभारंभ किया| इसके बाद सबसे पहला टीका सदर अस्पताल में कार्यरत सफाई कर्मचारी मरियम गुड़िया को लगा| टीका लगवाने के बाद मरियम ने बताया कि उन्हें किसी प्रकार की कोई दिक्कत महसूस नहीं हो रही है|
दूसरे नंबर पर सदर अस्पताल की डॉ रंजू सिन्हा को कोरोना का टीका दिया गया| लोगों के मन में वैक्सीन की शंकाओं को लेकर डॉ रंजू ने अपना अनुभव बताया औऱ कहा कि टीका लगवाने से उन्हें किसी तरह की परेशानी नहीं हुई, कोई साइड इफेक्ट नहीं हुआ| टीका लगवाने के दौरान हल्का दर्द जरूर होता है लेकिन ये वैक्सीन पूरी तरह सुरक्षित है| अन्य स्वास्थ्यकर्मियों ने भी वैक्सीन को पूरी तरह सुरक्षित बताया| टीका लेने वाले डॉक्टरों का कहना है कि अब वो भयमुक्त होकर लोगों का इलाज कर सकते हैं|
वहीं इस मौके पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि इस लंबे वैश्विक महामारी के दौर में आज देश को कोरोना संक्रमण की वैक्सीन मिल ही गई। उम्मीद करता हूं कि कोरोना संक्रमण जैसे वैश्विक महामारी में ये कोरोना टीका देश के लिए वरदान साबित होगा। उन्होंने कहा कि कोरोना टेस्टिंग व्यवस्था बनाने में झारखंड देश के टॉप तीन-चार राज्यों में शामिल है।
हेमंत सोरेन ने टीका लेने वालों को लाभुक कहने पर ऐतराज जताते हुए कहा कि टीका कोई खाने की चीज नहीं है। वो लाभुक नहीं सभी फ्रंटलाइन वॉरियर हैं। मुख्यमंत्री श्री हेमंत सोरेन ने कहा कि राज्य के सभी वैक्सीनेशन सेंटरों में जरूरत के अनुरुप पर्याप्त मात्रा में वैक्सीन उपलब्ध हो यही राज्य सरकार की प्राथमिकता है। वहीं टीकाकरण सेंटर की संख्या बाद में घटाए जाने पर सीएम ने कहा कि संख्या अधिक होना कोई उपलब्धि नहीं है। उपलब्धि इस बात में होगी कि सभी सेंटर सुचारु रुप से संचालित हो। उन्होंने कहा कि पहले अगर फ्रंटलाइन वॉरियर सुरक्षित हो जाएंगे तब हम सब सुरिक्षत हो जाएंगे।
इससे पहले रांची के सदर अस्पताल में टीकाकरण कार्यक्रम का भव्य शुभारंभ हुआ| ढोल मांदर की थाप पर खूबसूरत आदिवासी नृत्य के साथ मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का स्वागत हुआ| स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता भी मौके पर मौजूद रहे| हालांकि पहला टीका स्वास्थ्य मंत्री को लगाया जाना था, उन्होंने बकायदा इस बात की घोषणा भी की थी| लेकिन भारत सरकार के स्वास्थ्य विभाग से उन्हें इस बात की मंजूरी नहीं मिली| राज्य के स्वास्थ्य मंत्री ने भारत सरकार के स्वास्थ्य विभाग को लिखा था कि वे स्वास्थ्य विभाग के कर्मी हैं ऐसे में उन्हें भी टीका लगना चाहिए| लेकिन केंद्रीय स्वास्थ्य विभाग ने इसे नामंजूर कर दिया| इसे लेकर स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि भारत सरकार शायद स्वास्थ्य मंत्री को स्वास्थ्य विभाग का कर्मी नहीं मानती है| दरअसल, स्वास्थ्य मंत्री ने ऐलान किया था कि वो स्वास्थ्य कर्मियों के संशय को दूर करने के लिए पहला टीका लगवाना चाहते हैं|
फिलहाल झारखंड के विभिन्न जिलों के 48 केंद्रों में पर स्वास्थ्य कर्मियों को टीका दिया जा रहा| पूरे राज्य में आज 4800 लोगों को टीका लगाए जाने का लक्ष्य रखा गया है| रांची में 200 लोगों का टीकाकरण किया जाएगा|