कृषि कानून बिल के विरोध में किसानों के देशव्यापी चक्का जाम का असर झारखंड में भी देखने को मिला| राजधानी रांची के बूटी मोड़ पर वाम दल समेत विभिन्न दलों के नेता-कार्यकर्ता सड़क पर उतरे और जमकर नारेबाजी व प्रदर्शन किया| इसमें मुख्य रूप से राष्ट्रीय जनता दल, वामदल, कांग्रेस, जेएमएम के लोग शामिल थे| चक्का जाम में राज्य के कृषि मंत्री बादल पत्रलेख भी मौजूद रहे|
इस मौके पर कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने कहा कि देशभर में आज किसान, नौजवान और सभी गठबंधन के दल शांतिपूर्ण तरीके से सड़क पर उतरे हैं| लेकिन अगर केंद्र सरकार ने कृषि कानूनों को वापस नहीं लिया, तो ये आंदोलन आगे भी जारी रहेगा| बादल ने कहा कि इसी कड़ी में हम 10, 13 और 20 फरवरी को झारखंड में जगह-जगह कार्यक्रम करेंगे| कृषि कानूनों पर राज्यों की विधानसभाओं में भी बहस होनी चाहिए थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ|
वहीं दूसरी तरफ इस चक्का जाम के दौरन बूटी मोड़ पर प्रदर्शनकारी बीच सड़क पर ही बैठ गए। नतीजा ये हुआ कि करीब ढाई घंटे तक रांची से बाहर जाने और अंदर आने पर पाबंदी लगी रही| बोकारो, हजारीबाग और पटना की ओर से रांची आने वाली सभी गाड़ियों में ब्रेक लग गया। हालांकि राहत की बात ये रही कि चक्का जाम के दौरान एंबुलेंस के आवागमन पर ब्रेक नहीं लगने दिया गया। ढाई घंटे के जाम में लगभग 18 एंबुलेंस को चक्का जाम से निकाला गया।
पुलिस कर्मियों के साथ खुद प्रदर्शनकारी भी आगे बढ़कर एंबुलेस को भीड़ से निकालते नज़र आये, जिससे की मरीजों को किसी प्रकार की परेशानी न हो। एंबुलेंस के अलावा डॉक्टर, बच्चों को लेकर आ रही महिलाओं को भी परेशान नहीं किया गया और उन्हें सुरक्षित तरीके से भीड़ से बाहर जाने दिया गया।
लेकिन दूसरी तरफ प्रदर्शनकारियों और आम आदमी के बीच खूब नोक-झोंक भी हुई। आम आदमी में से एक युवक ने आगे आकर जब रास्ता खाली कराने की कोशिश की तो कुछ देर के लिए हालात बिगड़ने लगे। पुलिस ने तुरंत बीच-बचाव कर मामले को शांत कराया। वो युवक लोगों को सड़क से हटने को कह रहा था जिससे लोगों के लिए रास्ते बने। उसने प्रदर्शनकारियों से कहा कि आपलोगों को जनती की परेशानी नहीं दिख रही। इतना लंबा जाम लग गया है। इतना सुनते ही प्रदर्शनकारी भड़क गए।
दरअसल हकीकत में आम जनता को हर तरह से भारी परेशानी का सामना करना पड़ा| कई लोगों की ट्रेन भी छूट गई| रामगढ़ के एक परिवार को 1.30 बजे रांची स्टेशन पहुंचना था। लेकिन बूटी मोड़ पर लगे लंबे जाम के कारण उन्हें जुमार पुल से पहले ही उतार दिया गया था। पैदल चलकर स्टेशन तक पहुंच नहीं पाएं।
रांची में बूटी मोड़ के अलावा कई और इलाकों में भी चक्का जाम किया गया| चान्हो व बुंडू चौक की मुख्य सड़क पर भी प्रदर्शन हुआ और प्रदर्शनकारी धरने पर बैठ गये| वहीं नामकुम में किसानों के समर्थन में महागठबंधन कार्यकर्ताओं ने दुर्गा सोरेन चौक पर खिजरी विधायक राजेश कच्छप के नेतृत्व में सड़क जाम किया|
इसके अलावा राज्य के अलग-अलग जिलों में चक्का जाम का व्यापक असर देखने को मिला| कोडरमा जिले में झुमरीतिलैया के महाराणा प्रताप चौक पर लोगों ने सड़क जाम किया| वहीं हजारीबाग जिले के इचाक में लोगों ने किसानों के समर्थन में सड़क पर उतरकर चक्का जाम किया| लातेहार में भी हुए चक्का जाम के दौरान आवागमन प्रभावित हुआ|