राजद सुप्रीमो लालू यादव को झारखंड हाईकोर्ट से जमानत तो मिल गयी है, लेकिन उन्हें जेल से बाहर आने में अभी एक सप्ताह का इंतजार करना होगा। झारखण्ड के वकीलों के खुद को न्यायिक कार्य से अलग रखे जाने के कारण ऐसा हुआ है।
दरअसल, कोरोना के कारण ही लालू प्रसाद यादव की रिहाई का मामला अटक गया है. कोविड-19 को लेकर झारखंड बारकाउंसिल ने फैसला लिया है कि अगले 7 दिनों तक कोर्ट में किसी तरह का कार्य में एडवोकेट हिस्सा नहीं लेंगे, ऐसे में बार काउंसिल के फैसले के बाद कानूनी प्रक्रिया अवरुद्ध हो गई है. लालू के वकील प्रभात कुमार के मुताबिक अब सोमवार यानी 26 अप्रैल को लालू प्रसाद यादव की रिहाई के लिए बेल बांड भरा जाएगा.
बता दें की लालू प्रसाद को 18 अप्रैल को हाईकोर्ट से जमानत मिली है, लेकिन 25 अप्रैल तक उनका बेल बांड भरा नहीं जा सकेगा। जमानत के लिए बेल बांड भरने के लिए वकीलों का अदालत में जाना अनिवार्य है। इस कारण 25 अप्रैल तक लालू जेल से बाहर नहीं आ सकते हैं।
बार काउंसिल ने अगली बैठक 25 अप्रैल को बुलायी है। यदि इस दिन न्यायिक कार्य से अलग रहने की अवधि बढ़ायी जाती है, तो लालू प्रसाद का इंतजार और बढ़ जाएगा। लालू अभी दिल्ली के एम्स में भर्ती हैं। जानकारी के अनुसार डॉक्टरों ने फिलहाल अस्पताल से उन्हें छुट्टी देने का संभावना नहीं जतायी है।