झारखंड में कोरोना संक्रमण के बढ़ते दायरे के कारण बैंकों में कामकाज की अवधि को गुरुवार से न सिर्फ घटाया गया है बल्कि फिलहाल सिर्फ पचास फीसद क्षमता के साथ काम करने का निर्णय लिया गया है। यह निर्णय यूं ही नहीं लिया गया। दरअसल आम जनता से सीधा सरोकार रखने वाले बैंकों के सैकड़ों कर्मचारी काेरोना की दूसरी लहर में संक्रमित हो रहे हैं। आलम यह है कि कई शाखाओं को बंद तक करना पड़ा है। एसएलबीसी की गत 20 अप्रैल को हुई ऑनलाइन बैठक में विभिन्न बैंकों ने मौजूदा स्थिति और संक्रमित कर्मचारियों के आंकड़े आपस में साझा किए। इसके बाद ही 22-30 अप्रैल तक बैंकों के कामकाज की अवधि चार घंटे की गई।
एसएलएबीसी के संयोजक बैंक, बैंक आफ इंडिया के महाप्रबंधक उदलोक भट्टाचार्य की अध्यक्षता में हुई वर्चुअल बैठक में आरबीआई और नाबार्ड के भी शीर्ष अधिकारियों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। बैठक में जो आंकड़े आए वे खासा चौकाने वाले रहे। एसएलबीसी के संयोजक बैंक आॅफ इंडिया की करीब 100 शाखाओं में 200 से अधिक कर्मचारी संक्रमित पाए गए।
वहीं, भारतीय स्टेट बैंक की विभिन्न शाखाओं में 400 से अधिक वायरस से संक्रमित पाए गए। एसबीआई की 24 शाखाओं में कोविड के प्रकोप के कारण कामकाज पूरी तरह से ठप हो गया है। केनरा बैंक 90 कर्मचारी पॉजिटिव पाए गए हैं। जबकि झारखंड ग्रामीण बैंक के 85। ग्रामीण बैंक की 4 शाखाओं में कामकाज ठप हो गया है। निजी बैंकों की बात करें तो एचडीएफसी के 35 स्टाफ सदस्य संक्रमित हैं।
पीएनबी ने पिछले दिनों अपने तीन अधिकारियों को खो दिया। यूनियन बैंक के 35 प्रतिशत कर्मचारी कार्यालय नहीं आ रहे हैं। या तो वे खुद संक्रमित हैं या उनके परिवार के सदस्य। बैंक ऑफ बड़ौदा में कुल 1,059 स्टाफ सदस्य हैं, इनमें 95 कर्मचारी कोरोना संक्रमित पाए गए हैं। बैठक में मौजूदा स्थिति पर मंथन के बाद पचास फीसद क्षमता और काम की अवधि कम करने पर सहमति बनीं थी, जाे अधिकृत रूप से गुरुवार से पूरे राज्य में प्रभावी हुई।