कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए राज्य में एक बार फिर पूर्व की तरह निगरानी गतिविधियां अपनाई जाएंगी। कोरोना संक्रमण के नियंत्रण के लिए एक बार फिर से राज्य में सघन निगरानी का कार्य चलेगा। इसके तहत कंटेनमेंट जोन, माइक्रो कंटेनमेंट जोन, क्लस्टर आदि की पहचान कर वहां कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग की जाएगी। इसके साथ ही विशेष जांच अभियान चलाया जाएगा। स्वास्थ्य सचिव केके सोन ने सभी उपायुक्तों को सोमवार को इस संबंध में विस्तृत दिशा-निर्देश जारी कर दिया है।
स्वास्थ सचिव ने सभी उपायुक्तों को उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों में संक्रमण की रोकथाम हेतु सघन निगरानी तथा कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग गतिविधियों को केंद्रित करने को कहा है। वहीं जिलों तथा प्रखंडों में प्रतिदिन सामने आने वाले संक्रमण के पुष्ट रोगियों की मैपिंग करनी है। ऐसे क्लस्टर को चिह्नित करना है जहां कोरोना के अधिक रोगी सामने आ रहे हैं। 50 मीटर की परिधि में 24 घंटे में तीन से ज्यादा केस सामने आने पर उसे क्लस्टर घोषित करते हुए स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को कम से कम 100 आवासों का भ्रमण करना है और निगरानी गतिविधियां संचालित की जाएंगी। साथ ही, इन क्षेत्रों में रोगियों के आसपास के ऐसे क्षेत्रों जहां बड़ी संख्या में जन समुदाय का आवागमन होता है, जैसे दूध की दुकान, राशन की दुकान, मार्केट एरिया आदि में भी निगरानी करने को कहा गया है। इन इलाकों में लक्षण युक्त व्यक्तियों को चिह्नित कर उनका कोरोना जांच करने को कहा है।
स्वास्थ्य सचिव ने कोरोना अस्पतालों में सामान्य बेड, आइसीयू, वेंटिलेटर युक्त बेड की संख्या बढ़ाने को भी कहा है। वहीं पूर्व की तरह ही जरूरत पड़ने पर निजी अस्पतालों में काम से काम दस-दस बेड की भी व्यवस्था कोरोना मरीजों के इलाज के लिए करने को कहा है।