रांची के नगड़ी अंचल के पुंदाग मौजा में सरकारी गैरमजरूआ ज़मीनों की बिक्री का मामला सामने आया है। सूत्रों के मुताबिक सरकारी ज़मीनों पर बड़ी संख्या में बाहर से आये लोग बस चुके हैं। ऐसे में प्रश्न ये है की सरकारी ज़मीन के बिक्री की ज़िम्मेदारी है किसकी?
नगड़ी में खाता संख्या 383 की 350 एकड़ गैरमजरूआ ज़मीन की खरीद बिक्री इन दिनों धड़ल्ले से की जा रही। हालांकि खाता संख्या 383 के प्रतिबंधित सूची में बावजूद ज़मीन की खरीद बिक्री की रजिस्ट्री रांची कार्यालय में हो गयी है। साथ ही इन ज़मीनों का उत्परिवर्तन भी किया जा चुका है। झारखण्ड उच्च न्यायालय में 10 फरवरी, 2021 को इस सम्बन्ध में याचिका दाखिल की गयी जिसमें खाता संख्या 383 के प्रतिबंधित गैरमजरूआ जमीन को अतिक्रमण मुक्त करने की मांग की गयी है।
प्रतिबंधित ज़मीन का कुछ हिस्सा इलाही नगर में भी पड़ता है जहां भारी संख्या में बांग्लादेशी और बाहर से आये लोग ज़मीन पर कब्ज़ा कर या खरीद कर वहीं बसे हुए हैं। याचिकाकर्ता शिव शंकर शर्मा का कहना है कि इलाही नगर में बांग्लादेश और बाहर के लोगों को साज़िशन बसाया जा रहा है। साथ ही उन्होंने अपनी याचिका में किस तरह खाता संख्या 383 की जमीन पर कब्जा किया जा रहा है और कब्जा करने वाले कौन हैं, सभी की जानकारी कोर्ट को दी।
आरोप ये भी है कि इन सरकारी जमीनों पर अवैध कब्जे, खरीद बिक्री और दाखिल खारिज के कार्य में नगड़ी अंचल के कर्मचारी और पदाधिकारी भी शामिल हैं और इन्हीं लोगों की मिलीभगत से पूरे इलाके के भूमाफिया और जमीन दलालों को मजबूती मिल रही है।