डीपीएस बोकारो में महाकुंभ और फागुन की रंगारंग छटा….

डीपीएस बोकारो में गुरुवार को विद्यालय परिसर में फागुन के रंग और महाकुंभ की आध्यात्मिक छटा एक साथ देखने को मिली. यह अवसर था शैक्षणिक सत्र 2024-25 की फाइनल परीक्षाओं से पहले आयोजित की गई अंतिम प्रार्थना सभा का, जहां विद्यार्थियों ने अपनी रंगारंग प्रस्तुतियों से सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया. विद्यालय के अश्वघोष कला क्षेत्र में आयोजित इस विशेष प्रार्थना सभा में छात्रों ने अपनी गायन, नृत्य और वक्तृत्व कला के जरिए भारतीय संस्कृति, त्योहारों और आध्यात्मिक परंपराओं की झलक पेश की.

फागुन की धुन पर सजी सांस्कृतिक प्रस्तुतियां

सभा की शुरुआत विद्यालय की उन छात्राओं की प्रस्तुति से हुई, जिन्होंने हाल ही में डॉ. राधाकृष्णन सहोदया स्कूल कॉम्प्लेक्स की अंतर-विद्यालय समूहगान प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त किया था. उन्होंने फागुन और होली के रंग में डूबे हुए “ओ बृजराज दुलारे…” गीत को होलियाना राग काफी और पीलू में प्रस्तुत किया. उनकी प्रस्तुति में जब सारा-रा-रा-रा-रा…. की परंपरागत ध्वनि गूंजी, तो पूरे सभागार में तालियों की गूंज सुनाई देने लगी. इस प्रस्तुति के दौरान छात्र-छात्राएं पारंपरिक होली परिधान में थे और उनके चेहरे पर अबीर-गुलाल की छटा देखी जा सकती थी. इसके बाद विद्यार्थियों ने महाकुंभ पर आधारित एक आकर्षक नृत्य प्रस्तुत किया, जिसमें भारत की आध्यात्मिक एवं सनातन सांस्कृतिक परंपरा की झलक देखने को मिली. भगवान शिव, ऋषि-मुनि और साध्वियों के वेश में सजे छात्र-छात्राओं ने त्रिशूल, डमरू और अन्य धार्मिक प्रतीकों के साथ नृत्य प्रस्तुत किया. इस नृत्य की सबसे खास बात तब देखने को मिली जब त्रिवेणी संगम की लहरों का प्रतीक बनाते हुए छात्र-छात्राओं ने एक अद्भुत दृश्य प्रस्तुत किया. एक छात्रा को लहरों पर तैरते हुए दिखाया गया, जिससे दर्शक दांतों तले उंगलियां दबाने को मजबूर हो गए.

ज्ञानवर्धक प्रस्तुतियों से बच्चों ने बिखेरी रोशनी

सभा की शुरुआत में कई विद्यार्थियों ने ज्ञानवर्धक प्रस्तुतियां भी दीं. छात्रा शालिनी ने सुविचार प्रस्तुत कर सभा को प्रेरित किया, वहीं छात्र सात्विक रूपम द्विवेदी ने दैनिक समाचारों को रोचक अंदाज में पढ़ा. परीक्षा से जुड़ी चिंताओं को लेकर छात्र प्रिशु आनंद ने “परीक्षा के तनाव और प्रबंधन” विषय पर प्रभावशाली संभाषण दिया, जिसमें उन्होंने परीक्षा की तैयारी के दौरान संयम और रणनीति अपनाने पर जोर दिया. इसी क्रम में छात्रा फैज़ा अथर ने अपनी कविता के माध्यम से शिक्षकों के प्रति अपनी कृतज्ञता व्यक्त की. उन्होंने अपने शब्दों के जरिए गुरु-शिष्य परंपरा की महत्ता को दर्शाया और बताया कि शिक्षकों का मार्गदर्शन ही छात्रों को सफलता की ओर अग्रसर करता है.

प्राचार्य डॉ. गंगवार ने दिए परीक्षा के लिए सफलता मंत्र

इस अवसर पर विद्यालय के प्राचार्य डॉ. ए. एस. गंगवार ने विद्यार्थियों को संबोधित किया और उनकी शानदार प्रस्तुतियों की सराहना की. उन्होंने आगामी परीक्षाओं के लिए विद्यार्थियों को शुभकामनाएं दीं और तनाव मुक्त होकर पढ़ाई करने की सलाह दी. उन्होंने कहा कि सफलता का सबसे बड़ा मंत्र आत्मविश्वास है. जब छात्र खुद पर भरोसा रखेंगे, तो वे निश्चित रूप से अपनी मेहनत का फल पाएंगे.

डॉ. गंगवार ने बच्चों को परीक्षा की तैयारी के लिए कई महत्वपूर्ण सुझाव दिए:

• छोटी-छोटी ब्रेक लें – लगातार पढ़ाई करने की बजाय बीच-बीच में ब्रेक लेकर दिमाग को तरोताजा करें.

• नोट्स का रिवीजन करें – रटने की बजाय कॉन्सेप्ट को समझें और बार-बार दोहराएं.

• स्वस्थ भोजन करें – पौष्टिक आहार लें ताकि शरीर और दिमाग दोनों स्वस्थ रहें.

• अच्छी नींद लें – पढ़ाई के साथ-साथ पर्याप्त आराम भी जरूरी है ताकि दिमाग की कार्यक्षमता बनी रहे.

• सकारात्मक रहें – परीक्षा को जीवन का अंतिम पड़ाव न समझें. हर परीक्षा एक नया अनुभव देती है, जिससे सीखकर आगे बढ़ना चाहिए.

उन्होंने बच्चों को यह भी समझाया कि परीक्षा में असफलता कभी अंतिम पड़ाव नहीं होती, बल्कि यह आगे बढ़ने का एक अवसर होती है. उन्होंने विद्यार्थियों को पूरी मेहनत, लगन और निष्ठा के साथ पढ़ाई करने के लिए प्रेरित किया और कहा कि कोई भी कठिनाई मेहनत से जीती जा सकती है.

प्रतियोगिता के विजेताओं को किया गया सम्मानित

सभा के दौरान विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेताओं को भी सम्मानित किया गया. प्राचार्य डॉ. गंगवार ने सभी विजयी विद्यार्थियों को पुरस्कार प्रदान किए और उनके प्रयासों की सराहना की. उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों की मेहनत और लगन ही उनकी सबसे बड़ी ताकत है, और वे इसी भावना से आगे बढ़ते रहें.

राष्ट्रगान के साथ हुआ कार्यक्रम का समापन

सभा के अंत में विद्यालय की वाइस हेड गर्ल ईधा सिंह ने सभी विद्यार्थियों को राष्ट्रीय प्रतिज्ञा दिलाई. इसके बाद पूरे विद्यालय ने एक स्वर में विद्यालय गीत गाया और अंत में राष्ट्रगान के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ.

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