झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने आज नई दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और राज्यसभा में कांग्रेस संसदीय दल के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे से मुलाकात की। बताया जा रहा है कि ये मुलाकातें राष्ट्रपति चुनाव में झारखंड मुक्ति मोर्चा का स्टैंड तय करने की कवायद के तहत हुई हैं। झारखंड मुक्ति मोर्चा यूपीए फोल्डर की पार्टी है, लेकिन पार्टी के कई नेता राष्ट्रपति चुनाव में आदिवासी नेत्री द्रौपदी मुर्मू का समर्थन करने के पक्षधर हैं। इसकी वजह यह है कि झारखंड मुक्ति मोर्चा की राजनीति में आदिवासी फैक्टर सबसे प्रभावी है। राष्ट्रपति चुनाव में पार्टी अगर द्रौपदी मुर्मू के बजाय विपक्ष के प्रत्याशी यशवंत सिन्हा का समर्थन करती है तो झारखंड में उसके खिलाफ आदिवासी विरोधी होने का नैरेटिव सेट किया जा सकता है।
सनद रहे कि द्रौपदी मुर्मू और यशवंत सिन्हा दोनों ने बीते शनिवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को फोन कर अपने-अपने पक्ष में समर्थन मांगा था। राष्ट्रपति चुनाव के लिए झारखंड मुक्ति मोर्चा का स्टैंड तय करने के लिए बीते 25 जून को रांची में हुई पार्टी के सांसदों-विधायकों की बैठक में कोई फैसला नहीं हो पाया था। हालांकि कई सांसदों-विधायकों की राय थी कि पार्टी को आदिवासी नेत्री द्रौपदी मुर्मू का समर्थन करना चाहिए। बैठक में तय हुआ था कि पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन इस मुद्दे पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व से मुलाकात करें। पार्टी के वरिष्ठ नेता नलिन सोरेन ने बैठक के बाद मीडिया को जानकारी दी थी कि हमारी पार्टी के कुछ ग्रिवांसेज हैं, जिनके बारे में हेमंत सोरेन गृह मंत्री अमित शाह से मिलकर चर्चा करेंगे। इसके बाद इस मामले में अंतिम निर्णय पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष शिबू सोरेन करेंगे।
आज अपराह्न् अमित शाह और मल्लिकार्जुन खड़गे से हेमंत सोरेन की मुलाकातों को राज्य सरकार ने आधिकारिक तौर पर शिष्टाचार मुलाकात बताया है। माना जा रहा है कि हेमंत सोरेन के रांची लौटने के बाद झारखंड मुक्ति मोर्चा इस मुद्दे पर अपना स्टैंड साफ करेगा।