बोकारो के तेतुलिया मौजा में 100 एकड़ वन भूमि की फर्जी खरीद-बिक्री के मामले में अब सीआइडी जांच करेगी. इस मामले में भू-माफिया, अंचल के हल्का कर्मी और बोकारो स्टील प्लांट के अधिकारियों की मिलीभगत से फर्जी दस्तावेज तैयार कर जमीन का गबन किया गया था. डीजीपी अनुराग गुप्ता और बोकारो एसपी मनोज एस के निर्देश पर सीआइडी ने सेक्टर-12 थाना में दर्ज कांड संख्या 32/2024 को टेकओवर कर जांच शुरू की है.
मामले का बैकग्राउंड
18 मार्च 2024 को बोकारो वन प्रमंडल के प्रभारी वनपाल सह वनरक्षी रुद्र प्रताप सिंह की शिकायत पर सेक्टर-12 थाना में प्राथमिकी दर्ज हुई थी. इसमें कहा गया था कि इजहार अंसारी, अख्तर हुसैन और शैलेश कुमार सिन्हा जैसे भू-माफिया ने फर्जी दस्तावेज बनाकर वन भूमि की खरीद-बिक्री की. इसमें चास अंचल के हल्का कर्मचारी रंगनाथ सिंह और बोकारो स्टील प्लांट के अधिकारी जेएन सिंह, सचिंद्र प्रसाद पांडेय, सत्येंद्र सत्यार्थी, माधव प्रसाद सिन्हा और आरबी सिंह भी शामिल थे.
आरोपों के मुताबिक:
• 95.65 एकड़ वन भूमि, जो बोकारो स्टील प्लांट को वापस करनी थी, भू-माफिया ने फर्जी दस्तावेजों के माध्यम से हस्तांतरित कर गबन कर ली.
• चास अंचल की ओर से इस जमीन की जमाबंदी भी की गई.
• शिकायत के बावजूद 9 महीने तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई.
प्राथमिकी में नामजद आरोपी
1. इजहार अंसारी (उकरीद, सेक्टर-12, बोकारो)
2. अख्तर हुसैन (उकरीद, सेक्टर-12, बोकारो)
3. शैलेश कुमार सिन्हा (सिटी सेंटर, सेक्टर-4, बोकारो)
4. रंगनाथ सिंह (तत्कालीन हल्का कर्मचारी, चास अंचल)
5. जेएन सिंह (तत्कालीन उपमहाप्रबंधक, नगर सेवाएं, बोकारो स्टील सिटी)
6. सचिंद्र प्रसाद पांडेय (तत्कालीन वरीय प्रबंधक, भूमि एवं संपदा, बोकारो इस्पात संयंत्र)
7. सत्येंद्र सत्यार्थी (वरीय प्रबंधक, भूमि एवं संपदा, बोकारो स्टील सिटी)
8. माधव प्रसाद सिन्हा (तत्कालीन उपमहाप्रबंधक, नगर प्रशासन-भूमि, बोकारो इस्पात संयंत्र)
9. आरबी सिंह (तत्कालीन महाप्रबंधक, नगर सेवाएं, बोकारो स्टील सिटी)
क्या कहती है जांच रिपोर्ट
भू-राजस्व विभाग की जांच रिपोर्ट के अनुसार, तेतुलिया मौजा की थाना संख्या-38, खाता संख्या-59 और प्लॉट संख्या-426 व 450 में कुल 100 एकड़ भूमि गैर मजरूआ मालिक (जंगल-झाड़ी) के रूप में दर्ज है.
• इस भूमि पर फर्जी दस्तावेज बनाकर खरीद-बिक्री की गई.
• वन विभाग ने इस मामले में चास अंचल के सीओ को पत्र लिखकर जमीन की गलत जमाबंदी रद्द करने का अनुरोध किया था.
जांच में देरी और कोर्ट का आदेश
• 30 अक्टूबर 2023 को पहली शिकायत सेक्टर-12 थाना को दी गई थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई.
• 14 नवंबर 2023 को ऑनलाइन एफआईआर दर्ज हुई, लेकिन तब भी मामले की जांच आगे नहीं बढ़ी.
• इसके बाद शिकायतकर्ता ने कोर्ट का रुख किया, जिसके आदेश पर 18 मार्च 2024 को प्राथमिकी दर्ज हुई.