खेल-खेल में सरकारी स्कूलों में होगी बच्चों की पढ़ाई..

Jhupdate: झारखंड सरकार द्वारा बच्चों को खेल-खेल में पढ़ाई की शिक्षा देने के लिए सरकार नहीं योजना बना रही है योजना बच्चों को पढ़ाई के साथ-साथ पढ़ाई को लेकर तनाव से कोसों दूर रखने के लिए और खेल- खेल में अपनी पढ़ाई पूरी कर लें। शिक्षा विभाग इसकी तैयारी में जुटा हुआ है। इसके लिए शिक्षकों को प्रशिक्षित किया जा रहा है, ताकि वे स्कूल के बच्चों को खेल-खेल में पढ़ा सके। योजना के तहत सरकारी स्कूलों के बच्चे नैतिक शिक्षा ग्रहण करते हुए तनावमुक्त हो इसका प्रावधान किया जा रहा है। इस योजना को राज्य के 80 उत्कृष्ट विद्यालयों और 41 अन्य स्कूलों में लागू करने की तैयारी की जा रही है। इससे अंदर सोशल इमोशनल लर्निंग के तहत बच्चों के जीवन कौशल विकसित करने की कोशिश की जाएगी।प्रतिदिन बच्चों के लिए 45 मिनट की एक घंटी होगी। 45 मिनट की एक घंटी मैं पढ़ाई के बीच 10 मिनट का बच्चों को तनावमुक्त करने के लिए विशेष प्रकार के कार्यक्रम किए जाएंगे। 10 मिनट के कार्यक्रम के जरिए बच्चों को तनावमुक्त किया जा सकता है। इस कार्यक्रम का नाम हर्ष जोहार पाठ्यचर्या दिया गया है। नाम की तरह ही बच्चों को खुश रखते हुए पढ़ाई करने का प्लान तैयार किया गया है।

हर्ष जोहार पाठ्यचर्या….
फिलहाल हर्ष जोहार पाठ्यचर्या की शुरुआत उत्कृष्ट विद्यालय से हो रही है इसके जरिए बच्चों को नैतिक शिक्षा के साथ-साथ तनावमुक्त वातावरण में कैसे पढ़ाई करें, इसके तरीके भी सिखाए जाएंगे। हर्ष जोहार पाठ्यचर्या 80 उत्कृष्ट विद्यालयों समेत 41 अन्य स्कूलों में शिक्षा विभाग द्वारा लागू करने की तैयारी की जा रही है। सोशल इमोशनल लर्निंग के तहत बच्चों के अंदर जीवन कौशल को विकसित किया जाएगा। 121 विद्यालयों में हर्ष जोहार पाठ्यचर्या को प्रभावी रूप से लागू करने के लिए 1210 शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया गया।

प्रत्येक स्कूल से 10 शिक्षक….
झारखंड के कुल 121 स्कूलों 80 उत्कृष्ट विद्यालयों और और कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों को मिलाकर शिक्षा विभाग द्वारा हर्ष जोहार कार्यक्रम लागू करने की पहल की जा रही है। इसे लेकर चयनित प्रत्येक विद्यालय से 10 शिक्षकों के प्रशिक्षण के लिए दो दिवसीय उन्मुखीकरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

किया जाएगा जीवन कौशल विकसित….
सम्पूर्णा प्रोजेक्ट के तहत हर्ष जोहार कार्यक्रम चलाया जा रहा है। हर्ष जोहार कार्यक्रम के तहत राज्य के 121 स्कूलों में 6 से 12 तक के बच्चों के अंदर एक्टिविटी बेस्ड लर्निंग, इंटरैक्टिव सेशंस, सोशल इमोशनल लर्निंग, सेफ स्पेस फॉर लर्निंग, आदि के माध्यम से जीवन कौशल विकसित किया जाएगा।

स्कूल में होगा 10 मिनट का कार्यक्रम….
प्रतिदिन बच्चों के लिए 45 मिनट की एक घंटी होगी। 45 मिनट की एक घंटी मैं पढ़ाई के बीच 10 मिनट का बच्चों को तनावमुक्त करने के लिए विशेष प्रकार के कार्यक्रम किए जाएंगे। 10 मिनट के कार्यक्रम के जरिए बच्चों को तनावमुक्त किया जा सकता है। इस कार्यक्रम का नाम हर्ष जोहार पाठ्यचर्या दिया गया है। नाम की तरह ही बच्चों को खुश रखते हुए पढ़ाई करने का प्लान तैयार किया गया है।