छठ महापर्व को लेकर झारखण्ड सरकार के आये नए दिशा निर्देश के बाद लोगों में हर्ष और उत्साह का माहौल है। हालांकि इस बार पूजा में स्थिति थोड़ी अलग होगी क्योंकि कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए इस बार व्रतियों और श्रद्धालुओं को सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क पहनने की अनिवार्यता होगी और कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन करना होगा।
चार दिवसीय लोक आस्था महापर्व छठ बुधवार को नहाय-खाय के साथ प्रारम्भ हो गया है।
महापर्व छठ से जुड़ी जानिए हर जानकारी
19 नवंबर – खरना
19 नवंबर को संध्या में खरना अनुष्ठान होगा और सूर्य देव व छठी मैया की पूजा होगी। खरना अनुष्ठान में प्रसाद के रूप में खीर व अन्य पकवान का भोग लगाया जाता है। प्रसाद ग्रहण करने के साथ ही व्रतियों का 36 घंटे का निर्जला व्रत आरंभ हो जाएगा ।
सूर्य देव की बहन हैं छठी मैया और छठ पूजा में सूर्य के साथ छठी मैया की भी समान रूप से पूजा होती है।
20 नवंबर- डूबते सूर्य को अर्घ्य
पहला अर्घ्य यानि अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा
21 नवंबर – उगते सूर्य को अर्घ्य
दूसरा अर्घ्य यानि उदीयमान सूर्य को अर्घ्य के साथ ही चार दिनों का महापर्व संपन्न हो जाएगा।
घाटों की साफ़ सफाई पर दिया जा रहा है ध्यान
रांची नगर निगम ने व्रतियों के स्वागत की तैयारी तेज कर दी है। मंगलवार काे मेयर आशा लकड़ा, डिप्टी मेयर संजीव विजयवर्गीय सहित नगर निगम की टीम ने धुर्वा डैम, जगन्नाथपुर तालाब, धुर्वा छाेटा तालाब की साफ-सफाई का जायजा लिया।
निरिक्षण के बाद मेयर ने पदाधिकारियों के साथ बैठक करते हुए कहा कि घाटों पर साफ-सफाई की व्यवस्था मुकम्मल है और निर्देश दिया की 19 नवंबर तक सभी तालाब और वहां जाने वाले मार्ग की सफाई हो जानी चाहिए। उन्होंने कहा की शहर के सभी छठ घाटाें काे स्वच्छ रखने की जिम्मेवारी वार्ड सुपरवाइजरों की है और अगर कहीं गंदगी दिखती है ताे संबंधित वार्ड के सुपरवाइजर पर कार्रवाई हाेगी।
कृत्रिम जलकुंड बनाने वालाें काे पानी की जरूरत के लिए रांची नगर निगम ने हेल्पलाइन नंबर 9431104429 जारी किया है। यह सेवा नि:शुल्क होगी। जिन लाेगाें काे जलकुंड के लिए पानी की जरूरत पड़ेगी उन्हें निगम की ओर से टैंकर भेजा जायेगा।