बोकारो: विस्थापित आंदोलन के दौरान हुए लाठीचार्ज में एक युवक की मौत के बाद पूरे बोकारो जिले में उबाल देखने को मिला। मृत युवक प्रेम की मौत के मामले में अब बड़ा एक्शन लिया गया है। बोकारो स्टील प्लांट (बीएसएल) के सीजीएम और सीआइएसएफ के अधिकारियों के खिलाफ हत्या की प्राथमिकी दर्ज की गई है। यह मामला बालीडीह निवासी बीरू महतो के आवेदन पर दर्ज हुआ है।
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घटना के बाद तीन दिनों तक चला तीखा आंदोलन शनिवार को प्रशासन और बीएसएल प्रबंधन के आश्वासन के बाद थम गया। मृतक के परिजनों को 50 लाख रुपये का मुआवजा और एक परिजन को नौकरी देने की घोषणा की गई है। बीएसएल प्रबंधन ने घटना पर दुख जताते हुए लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है। मुआवजे की राशि का भुगतान कर दिया गया है।
इस दौरान पुलिस ने बीएसएल के सीजीएम हरिमोहन झा से पूछताछ की और फिर उन्हें छोड़ दिया। शुक्रवार को आंदोलन के समर्थन में पहुंची बोकारो विधायक श्वेता सिंह को भी पुलिस ने कुछ घंटों के लिए हिरासत में लिया था।
जिला प्रशासन ने मृतक युवक की मौत की जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति का गठन किया है। चास एसडीओ प्रांजल दांडा की अध्यक्षता में गठित इस कमेटी में सिटी डीएसपी आलोक रंजन और कार्यपालक दंडाधिकारी जया कुमारी को सदस्य बनाया गया है। यह समिति सीसीटीवी फुटेज, मीडिया क्लिप और अन्य साक्ष्यों के आधार पर विस्तृत जांच रिपोर्ट तैयार करेगी।
इस आंदोलन के चलते बोकारो इस्पात संयंत्र के उत्पादन पर गहरा असर पड़ा। सामान्य दिनों में संयंत्र में प्रतिदिन औसतन 13,000 टन क्रूड स्टील का उत्पादन होता है, मगर आंदोलन के दौरान उत्पादन घटकर काफी नीचे आ गया। सीसीएस यूनिट में जहां आमतौर पर 39 क्वायल बनते हैं, वहां सिर्फ 13 क्वायल तैयार हो सके। अंदाजा है कि सेल को इस आंदोलन से करीब 100 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।
शहर में शुक्रवार को बंद के दौरान कई जगहों पर हिंसक प्रदर्शन, तोड़फोड़ और आगजनी की घटनाएं हुईं, जिस पर भी पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज की है।