झारखंड में सियासी फेरबदल के आसार, राज्यपाल किसी भी वक्त सुना सकते है फैसला..

झारखंड से अब तक की सबसे बड़ी खबर सामने आ रही है। जहां मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की विधानसभा सदस्यता रद होगी या उन्हें क्लीनचिट मिलेगी यह चर्चा का विषय बन चुका है। हालांकि इस बात का पता जल्द ही चल जाएगा। वहीं मीडिया सूत्रों के अनुसार भारत निर्वाचन आयोग ने राज्यपाल रमेश बैस को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के आफिस आफ प्राफिट मामले में अपनी अनुशंसा भेज दी है। वहीं राज्यपाल रमेश बैस अभी दिल्ली में हैं। जो कि आज गुरुवार दोपहर बाद रांची लौटेंगे। उसके बाद ही पूरी स्थिति स्पष्ट रुप से सामने आएगी।

भाजपा के तरफ से आये संकेत..
हालांकि भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने अपने अधिकारिक ट्वीटर एकाउंट से ट्वीट कर लिखा है – RSS के संस्कारों ने मुझे बड़ा किया। मेरा परिवार इमरजेंसी के समय जेल गया। वहीं भाजपा जैसी पार्टी ने मेरे जैसे छोटे कार्यकर्ता को सांसद बनाया, जिसके नेतृत्वकर्ता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमें गर्व है। मैंने पहले ही घोषणा थी कि अगस्त पार नहीं होगा, वहीं हुआ, भारत निर्वाचन आयोग का पत्र राज्यपाल रमेश बैस को पहुंच चुका है।

इस मामले में घिरे सीएम..
बता दें कि झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर आरोप है कि उन्होंने विभागीय मंत्री रहते हुए अपने नाम से खनन लीज आवंटित करा लिया है। जिसका खुलासा भाजपा के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने किया था। साथ ही भाजपा ने इस संबंध में राज्यपाल रमेश बैस से शिकायत भी की थी। जिसके बाद राज्यपाल ने भारत निर्वाचन आयोग से इस बारे में राय मांगा था। वहीं भारत निर्वाचन आयोग में इस मामले को लेकर लंबी सुनवाई भी चली। जिसकी पिछले दिनों सुनवाई पूरी हो गई थी। तभी से झारखंड के सियासी गल्यारों में यह कयास लगाया जा रहा कि चुनाव आयोग किसी भी वक्त अपना फैसला सुना सकता है।

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