झरिया पुनर्वास का हाल जानने पहुंची केंद्रीय टीम, प्रभावितों ने बताया अपना दर्द..

आग प्रभावित क्षेत्र से उठाकर दूसरे जगह सिर्फ बसा देना अपनी जिम्मेवारी समझने से नहीं होगा झरिया पुनर्वास। जीने के लिए बहुत कुछ चाहिए। झरिया से अग्नि प्रभावित क्षेत्र से शिफ्ट करने के समय काफी आश्वासन मिला था, लेकिन आज तक पूरा नहीं हुआ। यह बातें झरिया अग्नि प्रभावित क्षेत्र से शिफ्ट हुए लोगों ने केंद्रीय कमेटी को बताई है। झरिया पुनर्वास को लेकर प्रधानमंत्री कार्यालय के निर्देश पर बनी कमेटी आज अग्नि प्रभावित क्षेत्र के पुनर्वासित लोगों से मिलने के लिए करमाटाड़, बेलगड़िया टाउनशिप पहुंची थी।

बेलगड़िया में बसे लोगों ने रोजगार को लेकर चिंता व्यक्त की। टीम के समक्ष कहा कि यहां से शहर जाने पर पचास रुपया भाड़ा लगता है। रोजगार नहीं है, कहां से पैसा आएगा। इस पर राष्ट्रीय भू संपदा विभाग के अवर सचिव हुकूम सिंह मीणा ने कहा कि जहां थे वहां किया करते थे। तो लोगों ने कहा कि जहां थे, वहां रोजगार मिल जाता था। आउटसोर्सिंग कंपनी में काम करते थे। अगल बगल कई रोजगार के साधन भी थे। पालनी के उप मुखिया सीमा देवी, अजय पासवान, शांति देवी ने कहा कि पहले तो जो आवास रहने के लिए दिया गया उसकी जांंच जरूरी है। दो साल में भी भवन जर्जर हो गया है। पानी, बिजली, स्कूल, शिक्षा, चिकित्सा व्यवस्था केवल आश्वासन पर ही चल रहा है।

सारी बातों को सुनने के बाद मीणा ने कहा कि जो भी दिक्कतें हैं उसे दूर की जाएगी। जमीनी हकीकत देखने व लोगों की समस्याओं को लेकर ही टीम आयी है। टीम में राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकार के सदस्य कृष्णा एस वास्ता, सीएमपीडीआइएल के पूर्व सीएमडी शेखर शरण, आइआइटी आइएसएम के प्रोफेसर आरएम भट्टाचार्जी, कोयला मंत्रालय के प्रोजेक्ट एडवाइजर आनंंदजी प्रसाद, बीसीसीएल सीएमडी पीएम प्रसाद के अलावा अन्य सदस्य शामिल है। टीम, बस्ताकोला एरिया का घनुडीह, पांडेबेरा, लिलोरीपथरा, कतरास व कुसुंडा क्षेत्र का दौरा करेगी। इस मौके पर उप विकास आयुक्त दशरथ दास, डीएसपी सिंदरी, बीसीसीएल व झरिया पुनर्वास प्राधिकार के अधिकारी मौजूद थे।