मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि केंद्र की स्वामित्व योजना (ड्रोन से जमीन का सर्वे) को राज्य में फिलहाल रोक दिया गया है। पूरी समीक्षा के बाद सरकार इसपर आगे निर्णय लेगी। मुख्यमंत्री शुक्रवार को विधानसभा में भाकपा माले के विधायक विनोद कुमार सिंह के तारांकित प्रश्न का जवाब दे रहे थे। बता दें कि यह योजना 2020 में लागू की गई थी। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह योजना केंद्र की ओर से पूरे देश में चलाई जा रही है। खूंटी के कई प्रखंडों में सर्वे हुआ, लेकिन कई प्रखंडों में संशय की स्थिति बनी है। लोगों में नाराजगी की जानकारी भी उन्हें मिली है। इसलिए योजना को तत्काल होल्ड करने का निर्णय लिया गया है। पूरी समीक्षा के बाद सरकार आगे का निर्णय लेगी।
विधायक विनोद सिंह ने कहा कि स्वामित्व योजना के तहत खूंटी के ग्रामीण क्षेत्र में संपत्ति और भूमि का डिजिटल सर्वे किया जा रहा है। अनुसूचित क्षेत्र के बावजूद बिना ग्राम सभा की जानकारी के सर्वे होने से ग्रामीणों में असंतोष और संशय व्याप्त है। उन्होंने स्वामित्व योजना को अनुसूचित क्षेत्र में ग्राम सभा को विश्वास में लेने की सरकार से मांग की। विधायक सिंह ने बताया कि सीएनटी, एसपीटी एक्ट का उल्लंघन करके बने मकान, संपत्तियों का क्या होगा, लैंड बैंक के लिये भूमि का अधिग्रहण किये जाने को लेकर लोगों में संशय और नाराजगी है।
केंद्र की यह स्कीम वर्ष 2020 से पूरे देश में प्रारंभ की गई..
सरकार की ओर से जवाब में बताया गया है कि भारत सरकार की सेंट्रल स्कीम सर्वे ऑफ विलेजेज एंड मैपिंग विद इंप्रोवाइज्ड टेक्नोलॉजी इन विलेज एरिया (स्वामित्व) वर्ष 2020 से पूरे देश में प्रारंभ की गई है। इस योजना को झारखंड के खूंटी में पायलट प्रोजेक्ट के तहत एक नवंबर 2021 को शुरू किया गया। इसका क्रियान्वयन पंचायती राज मंत्रालय भारत सरकार, राजस्व निबंधन एवं भूमि सुधार विभाग, राज्य पंचायती राज विभाग और सर्वे ऑफ इंडिया के सहयोग से किया जा रहा है। इसके अंतर्गत चुना मार्किंग करते हुए ड्रोन द्वारा ग्रामीण आबादी वाले क्षेत्र का भू-सर्वेक्षण कर उनके राजस्व कागजात की जांच अंचल में उपलब्ध अभिलेख से कर रैयतों को अभिधारी खाता पुस्तिका उपलब्ध कराया जाना है।
खूंटी के कर्रा और तोरपा अंचल में ड्रोन सर्वे अंतिम चरण में..
दूसरी तरफ भाजपा विधायक राज सिन्हा के अल्पसूचित प्रश्न के जवाब में सरकार की ओर से अवगत कराया गया है कि खूंटी के कर्रा अंचल के सभी 178 राजस्व मौजों और तोरपा अंचल के 95 में से 64 राजस्व मौजों में ड्रोन फ्लाई द्वारा सर्वे का काम पूरा कर लिया गया है। इस योजना के तहत प्रत्येक राजस्व ग्रामों के काश्तकारों को अभिधारी खाता पुस्तिका उपलब्ध कराई जानी है। इसके लिए पंचायती राज मंत्रालय के परामर्श अनुसार काश्तकारों की पूरी जानकारी उनके जमीन की चौहदी आदि का विवरण अभिधारी पुस्तिका में अंकित किया जाना है। सरकार की ओर से कहा गया है कि लोगों को जागरूक किया जा रहा है।
योजना के प्रमुख उद्देश्य..
- ग्रामीण नियोजन के लिए सटीक भूमि अभिलेखों का निर्माण करना
- ऋण आदि के लिए संपत्ति को एक वित्तीय परिसंपत्ति के रूप में प्रयोग
- जीआईएस नक्शों का निर्माण जिसका उपयोग कोई भी विभाग कर सके
- बेहतर गुणवत्ता वाली ग्राम पंचायत विकास योजना तैयार करने में सहयोग
- संपत्ति संबंधी विवादों और कानूनी मामलों को कम करना