जज उत्तम आनंद मौत प्रकरण: सीबीआई ने ऑटो चालक व सहयोगी को फिर लिया रिमांड पर..

धनबाद: एडीजे-8 उत्तम आनंद की मौत के मामले में जेल में बंद ऑटो चालक लखन वर्मा एवं उसके सहयोगी राहुल वर्मा से सीबीआई फिर पूछताछ करेगी। सीबीआई ने एसडीजेएम अभिषेक श्रीवास्तव की अदालत में आवेदन देकर दोनों आरोपियों से पूछताछ के लिए 10 दिनों का रिमांड मांगा। अदालत ने सीबीआई को 6 दिनों के पुलिस रिमांड पर ले जाने की अनुमति दी है। सीबीआई ने दोनों का रिमांड ऑटो चोरी के मामले में लिया है। जज की मौत के अलावा सीबीआई ने ऑटो चोरी होने तथा मोबाइल चोरी से संबंधित दो अलग-अलग प्राथमिकी भी दर्ज कर रखी है। सीबीआई इस बार दोनों से ऑटो चोरी के संबंध में पूछताछ करेगी।

यह केस अज्ञात पर दर्ज है। इससे पूर्व 14 सितंबर को भी सीबीआई ने दोनों आरोपियों से ऑटो चोरी के मामले में पूछताछ के लिए आवेदन दाखिल किया था परंतु उस समय इस मुकदमे में आरोपी नहीं बनाए गए थे। इससे पहले 23 सितंबर को हाईकोर्ट में हुई सुनवाई के दौरान पेश हुए सीबीआई के ज्वाइंट डायरेक्टर शरद अग्रवाल ने बताया था कि एडीजे को जानबूझ कर टक्कर मारी गई है। हालांकि जज की इरादतन हत्या के संबंध में कोई सबूत या गवाह का जिक्र नहीं किया गया था। जेडी ने कोर्ट से कहा था कि गिरफ्तार ऑटो चालक लखन वर्मा का सहयोगी राहुल वर्मा बार-बार बयान बदल रहा है। अब सीबीआई राहुल वर्मा से फिर से नए सिरे से पूछताछ करेगी।

चौथी बार रिमांड पर लिए गए दोनों
गिरफ्तारी के बाद लखन वर्मा और राहुल वर्मा को चौथी बार रिमांड पर लिया गया है। सबसे पहले राज्य सरकार की ओर से गठित एसआईटी ने दोनों को पांच दिनों के रिमांड पर लिया था। दूसरी बार सात अगस्त को सीबीआई ने उन्हें पांच दिनों के रिमांड पर लिया। 11 अगस्त को सीबीआई तीसरी बार दोनों को 10 दिनों के रिमांड पर ले गई। हालांकि एक दिन बाद ही 12 अगस्त को दोनों को वापस जेल भेज दिया गया था। अब दो अक्तूबर तक के लिए फिर से दोनों की रिमांड की स्वीकृति मिली है।

30 दिनों में सीबीआई को सौंपनी है चार्जशीट
लखन और राहुल के गिरफ्तारी के 60 दिन पूरे हो चुके हैं। 30 दिनों के अंदर सीबीआई को दोनों के खिलाफ चार्जशीट सौंपनी होगी। सीबीआई का पूरा फोकस जांच को निष्कर्ष तक पहुंचाने पर है। सीबीआई दोनों से सच उगलवाने के लिए कई हथकंडे अपना चुकी है। 16 अगस्त को दोनों के ब्रेन मैपिंग, लाई डिटेक्टर और नार्को एनालिसिस सहित अन्य जांच के लिए गांधीनगर के फोरेंसिक लैब ले जाया गया था। तीन सितंबर को उन्हें लेकर सीबीआई की टीम वापस धनबाद लौटी थी।

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