रांची : मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने सीएनटी/एसपीटी में संशोधन का विरोध करने के कारण तथा पत्थलगड़ी का समर्थन कर रहे कतिपय व्यक्तियों के विरुद्ध दर्ज गुमला थाना कांड सं०-421/2016 सीआर न०-1161/16, दिनांक 02/12/2016 की वापसी संबंधी प्रस्ताव पर अपना अनुमोदन दिया है। सीएनटी/एसपीटी में संशोधन का विरोध तथा पत्थलगड़ी करने के आरोप में गुमला थाना कांड संख्या.- 421/2016 में जिन लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर मुकदमे दायर किए गए हैं, उनके प्रत्याहरण से संबंधित गृह, कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग के प्रस्तावित संकल्प प्रारूप को मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन ने अपनी स्वीकृति दे दी है। मुख्यमंत्री के इस फैसले से गुमला थाना अंतर्गत सीएनटी/एसपीटी में संशोधन का विरोध एवं पत्थलगड़ी करने के क्रम में जिन लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज हुई थी, उन्हें अब राहत मिल सकेगी।
आदिवासी समुदाय में पत्थलगड़ी पुरानी परंपरा..
झारखंड के आदिवासी समुदाय और गांव में विधि-विधान तथा संस्कार के साथ पत्थलगड़ी (शिलालेख) की परंपरा पुरानी है। पत्थलगड़ी से मौजा, सीमाना, ग्रामसभा और अधिकार की जानकारी रहती है। वंशानुगत, पूर्वज और मरनी (मृत व्यक्ति) की याद को संजोए रखने के लिए भी पत्थलगड़ी की परंपरा रही है। कई गांवों में अंग्रेजों या दुश्मनों के खिलाफ लड़कर शहीद होने वाले वीर सपूतों के सम्मान में भी पत्थलगड़ी की जाती रही है।