बोकारो में बढ़ रहा बाल तस्करी और बाल मजदूरी का मामला..

झारखंड के बोकारो में कसमार थाना क्षेत्र के पोंडा गांव से चार आदिवासी बच्चे दो दिनों से लापता हैं. करीबी लोगों द्वारा काफी खोजबीन के बाद भी बच्चों का कहीं से कुछ पता नहीं मिल पाया. बच्चों के अचानक गायब होने से स्वजनों के साथ पूरा गांव काफी चिंता में है. मामले को लेकर लोगों ने कसमार थाने में बच्चों की गुमशुदा होने का मामला दर्ज कराते हुए प्रशासन से बच्चों को सकूशल खोज निकालने की मांग की है. जानकारी के मुताबिक पोंडा गांव मूल निवासी रोहित कुमार का 12 वर्षीय पुत्र सागर हांसदा और बाबुदास मांझी का 14 वर्षीय पुत्र राजू बेसरा साथ ही जितेन्द्र कुमार हांसदा का 13 वर्षीय पुत्र शशिकांत हांसदा और रोमन मांझी का 13 वर्षीय पुत्र निखिल सोरेन गुरुवार की अहले सुबह से ही गांव से लापता हैं.

बच्चों को लेकर गांव वालों की खोज नाकाम रही
स्वजनों के द्वारा जब बच्चों की खोजबीन की गई तो कहीं उनका अता-पता नहीं चला. गांव वालों के अनुसार, उनके जितने भी रिश्तेदार हैं, हर जगह बच्चों के बारे में पूछताछ कर लिया गया लेकिन अभी तक बच्चों का कुछ पता नहीं चल पाया है. बताया जा रहा है कि बोकारो से ओरमांझी तक बन रहे भारत माला प्रोजेक्ट के सड़क निर्माण स्थल में कुछ लोगों ने बच्चों को देखा था, लेकिन उसके बाद बच्चे कहां गायब हो गए अभी तक उसकी कुछ भी जानकारी नहीं मिल पाई है.

पुलिस मामले की जांच में जुटी
घटना के बाद कसमार थाने की पुलिस मामले की जांच में जुट गई है, सहयोगिनी के रवि कुमार राय ने बताया कि बोकारो में बाल तस्करी और बाल मजदूरी के मामलों बढ़ते जा रहे हैं, जिसे रोकने के लिए सभी को सजग और चौकन्ना रहना पड़ेगा. वहीं कसमार थाना प्रभारी भजन लाल महतो ने बताया कि मामले की सूचना मिलने के बाद गांव पहुंचकर बच्चों के अभिभावकों से एक-एक पहलू पर जांच की जा रही है. बताया जा रहा है कि बच्चे खेलने और मछली पकड़ने के नाम पर घर से निकले थे. लोगों को आश्वासन दिलाते हुए कहा कि बच्चों के सकूशल बरामदगी को लेकर अभियान चलाया जा रहा है.

 

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