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डीपीएस बोकारो में करियर काउंसलिंग, छात्रों को मिले सफलता के मंत्र….

डीपीएस बोकारो में गुरुवार को 10वीं पास कर 11वीं में प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों के लिए एक विशेष करियर काउंसलिंग सेशन का आयोजन किया गया. इस सत्र का उद्देश्य विद्यार्थियों को उनके भविष्य के लिए सही मार्गदर्शन प्रदान करना था, जिससे वे अपने करियर को लेकर स्पष्टता प्राप्त कर सकें और सही दिशा में आगे बढ़ सकें.

करियर विकल्पों पर विस्तृत चर्चा

इस काउंसलिंग सेशन में मुख्य वक्ता के रूप में करियर काउंसलर एवं साइकोग्राफिक सोसाइटी करियर काउंसलिंग सेंटर, रांची के संस्थापक और निदेशक विकास कुमार उपस्थित थे. उन्होंने विद्यार्थियों को 10वीं के बाद उपलब्ध करियर विकल्पों, उनसे संबंधित अवसरों और संभावित चुनौतियों के बारे में विस्तार से जानकारी दी. उन्होंने छात्रों को इंजीनियरिंग, मेडिकल, मैनेजमेंट, चार्टर्ड अकाउंटेंसी (CA), सिविल सर्विसेज, फैशन टेक्नोलॉजी सहित कई अन्य क्षेत्रों में सुनहरे भविष्य की संभावनाओं के बारे में बताया. उन्होंने कहा कि सफलता के लिए स्कूल स्तर पर मजबूत बुनियाद रखना बेहद जरूरी है. स्कूल में की गई पढ़ाई ही भविष्य की बड़ी परीक्षाओं का आधार बनती है. उन्होंने बोर्ड परीक्षाओं और प्रतियोगी परीक्षाओं के बीच संतुलन बनाए रखने पर भी जोर दिया. इसके साथ ही, मेडिकल और इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षाओं की प्रक्रिया, नामांकन प्रणाली, सीटों की उपलब्धता और रैंकिंग प्रणाली से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारियां भी साझा कीं.

स्कूल की पढ़ाई को हल्के में न लें, यही सफलता की नींव: विकास कुमार

करियर काउंसलिंग के दौरान विकास कुमार ने छात्रों को सफलता के मूल मंत्र भी बताए. उन्होंने कहा कि चाहे मेडिकल हो, इंजीनियरिंग हो, सिविल सर्विसेज हो या अन्य कोई क्षेत्र, सभी में सफलता के लिए स्कूल की बुनियादी शिक्षा मजबूत होना बेहद जरूरी है. उन्होंने विद्यार्थियों को सलाह दी कि विद्यालय की पढ़ाई को कभी भी हल्के में न लें. स्कूल की परीक्षाएं भविष्य की प्रतियोगी परीक्षाओं की नींव होती हैं. इसलिए अभी से ही एक सुनियोजित तरीके से पढ़ाई शुरू करें, नियमित रूप से रिवीजन करें और अपने लक्ष्य पर फोकस बनाए रखें. उन्होंने विद्यार्थियों को यह भी सुझाव दिया कि

• लगन और मेहनत के साथ अपनी पढ़ाई जारी रखें.

• समय का सही उपयोग करें.

• नियमित रूप से सेल्फ-स्टडी करें और सोशल मीडिया से दूरी बनाए रखें.

कोचिंग में सिर्फ नंबर मिलेंगे, समग्र विकास स्कूल में ही संभव: प्राचार्य डॉ. ए. एस. गंगवार

इस अवसर पर डीपीएस बोकारो के प्राचार्य डॉ. ए. एस. गंगवार ने भी विद्यार्थियों को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि 10वीं के बाद 11वीं का सिलेबस अचानक कठिन हो जाता है और यहीं से विद्यार्थियों के करियर की असली उड़ान शुरू होती है. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि सिर्फ कोचिंग संस्थानों पर निर्भर रहना सही नहीं है. कोचिंग से सिर्फ अच्छे नंबर लाने में मदद मिल सकती है, लेकिन एक विद्यार्थी का समग्र विकास केवल स्कूल में ही संभव है. प्राचार्य ने बताया कि स्कूलों में न केवल शैक्षणिक ज्ञान दिया जाता है, बल्कि वहां विद्यार्थियों को अनुशासन, शिष्टाचार, संस्कार, आत्मनिर्भरता, नेतृत्व कौशल और अन्य महत्वपूर्ण जीवन कौशल भी सिखाए जाते हैं. ये गुण उनके पूरे जीवन में काम आते हैं. उन्होंने कहा कि आज के दौर में करियर के अनेक आयाम हैं और विद्यार्थियों को केवल मेडिकल या इंजीनियरिंग तक सीमित नहीं रहना चाहिए. कई अन्य क्षेत्रों में भी सुनहरे भविष्य की अपार संभावनाएं हैं.

विद्यार्थियों को मिला सही दिशा में बढ़ने का मार्गदर्शन

इस करियर काउंसलिंग सेशन में शामिल विद्यार्थियों ने इस मार्गदर्शन को बेहद उपयोगी बताया. कई विद्यार्थियों ने कहा कि इस सत्र से उन्हें अपने करियर के विकल्पों को बेहतर तरीके से समझने में मदद मिली है. इस दौरान कुछ छात्रों ने अपनी शंकाएं भी रखीं, जिनका समाधान करते हुए विशेषज्ञों ने उन्हें सही दिशा में आगे बढ़ने की सलाह दी.

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