बोकारो: जिले के 1560 स्कूलों में बंद हुआ ‘सीटी बजाओ स्कूल बुलाओ’ कार्यक्रम, 8% घटी उपस्थिति….

बोकारो जिले के 1560 स्कूलों में 11 जनवरी से शुरू किया गया ‘सीटी बजाओ स्कूल बुलाओ’ कार्यक्रम बिना किसी सरकारी आदेश के अप्रैल से बंद कर दिया गया है, जिससे छात्रों की उपस्थिति में 8% की गिरावट आई है. इस अभियान की शुरुआत के बाद छात्रों की उपस्थिति में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई थी, जो मार्च 2024 तक 72.60% तक पहुंच गई थी. लेकिन कार्यक्रम बंद होने के बाद, अगस्त तक छात्रों की उपस्थिति घटकर 66% पर आ गई, जिससे पढ़ाई पर नकारात्मक असर पड़ा है. इसके कारण 30% से ज्यादा बच्चों की पढ़ाई बाधित हो रही है और 5वीं बोर्ड तथा मैट्रिक परीक्षाओं के परिणामों पर भी इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ने की आशंका जताई जा रही है.

कार्यक्रम की सफलता और प्रभाव

‘सीटी बजाओ स्कूल बुलाओ’ कार्यक्रम का उद्देश्य छात्रों की स्कूल में उपस्थिति को बढ़ाना था, जो कि जनवरी 2024 के पहले सप्ताह में 58.96% थी. कार्यक्रम के तहत छात्रों को उनके पोषक क्षेत्र के आधार पर समूहों में विभाजित किया गया, जिसमें प्रत्येक समूह में एक मॉनिटर नियुक्त किया गया था. मॉनिटर और उसके समूह के अन्य सदस्य स्कूल शुरू होने से एक घंटा पहले सीटी बजाकर छात्रों को स्कूल आने के लिए प्रेरित करते थे और उनके अभिभावकों को भी नियमित रूप से बच्चों को स्कूल भेजने के लिए प्रेरित किया जाता था. कार्यक्रम की वजह से छात्रों में स्कूल आने की रुचि बढ़ी और मार्च 2024 तक उपस्थिति 72.60% तक पहुँच गई. कुछ क्षेत्रों में उपस्थिति में उल्लेखनीय सुधार हुआ. उदाहरण के लिए, नावाडीह में उपस्थिति 77.01%, पेटरवार में 77.61%, चंद्रपुरा में 71.89%, चास में 67.52%, चंदनकियारी में 70.58%, गोमिया में 75.23%, बेरमो में 70.26%, कसमार में 76.44%, और जरीडीह में 76.39% तक पहुँच गई थी. यह अभियान छात्रों की उपस्थिति में एक महत्वपूर्ण सुधार के रूप में देखा गया था.

कार्यक्रम का अचानक बंद होना और उपस्थिति में गिरावट

अप्रैल 2024 में बिना किसी सरकारी आदेश के यह अभियान बंद कर दिया गया, जिससे उपस्थिति में गिरावट आई. अगस्त तक उपस्थिति घटकर 66% पर आ गई. पेटरवार, जो पहले 77.61% की उपस्थिति पर था, वहाँ अब उपस्थिति घटकर 74.52% रह गई है. इसी प्रकार, चंद्रपुरा की उपस्थिति 71.89% से घटकर 66.35% हो गई, और जरीडीह में यह 76.39% से घटकर 68.12% पर आ गई है. पूरे जिले में उपस्थिति में गिरावट देखी जा रही है, जिससे छात्रों की पढ़ाई बाधित हो रही है और शिक्षकों के अनुसार, परिणामों पर इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ने की आशंका है.

सिमडेगा जिले में कार्यक्रम जारी, 90% उपस्थिति

हालांकि, सिमडेगा जिले में यह कार्यक्रम अभी भी जारी है, और वहाँ छात्रों की उपस्थिति 85 से 90% तक है. इस कार्यक्रम की शुरुआत सिमडेगा के उत्क्रमित उच्च विद्यालय, चिकरिया टोड़ के शिक्षक अरुण सिंह ने की थी, जहाँ छात्रों को न सिर्फ सुबह स्कूल आने के लिए सीटी बजाई जाती है, बल्कि शाम को भी उन्हें समय पर पढ़ाई के लिए प्रेरित किया जाता है. इस तरह, छात्र अगले दिन अपना होमवर्क पूरा करके स्कूल आते हैं. शिक्षक अरुण सिंह ने कोरोना काल से पहले भी एक ‘जोड़ी बनाओ, उपस्थिति बढ़ाओ’ कार्यक्रम शुरू किया था, जिसमें छात्रों की जोड़ी बनाकर उपस्थिति बढ़ाने पर जोर दिया गया था. वर्तमान में चल रहे कार्यक्रम के सकारात्मक प्रभाव को देखते हुए यह प्रस्ताव किया जा रहा है कि ‘सीटी बजाओ स्कूल बुलाओ’ कार्यक्रम को फिर से शुरू किया जाए.

आने वाले दिनों में फिर से शुरू हो सकता है अभियान

जिला शिक्षा अधीक्षक अतुल कुमार चौबे ने इस बात की पुष्टि की है कि ‘सीटी बजाओ स्कूल बुलाओ’ कार्यक्रम के बंद होने से छात्रों की उपस्थिति में कमी आई है और इसका असर उनके शैक्षिक प्रदर्शन पर पड़ सकता है. उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम को फिर से शुरू करने की पहल की जा रही है और जल्द ही इस पर निर्णय लिया जाएगा. चौबे ने कहा, “कार्यक्रम के कारण छात्रों की उपस्थिति में वृद्धि हुई थी, और इसे फिर से शुरू करने की योजना पर विचार हो रहा है”.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *