झारखण्ड में कई संस्था समाज के कमज़ोर वर्ग को मज़बूती देने में जुटी हुई हैं। ऐसे ही झारखण्ड के बोकारो जिला में स्थित “साथ फाउंडेशन” ने भी “मीठी बैग” नाम के तहत झारखण्ड राज्य के कमज़ोर वर्ग तक मदद पहुँचाने का बीड़ा उठाया है। 2019 में “ऊर्जा” नाम से शुरू हुआ यह सिलसिला अब इस साल फिर से अपने दूसरे भाग ऊर्जा 2,”मीठी बैग” के साथ वापस आया है। “मीठी बैग” का यह नाम एक काल्पनिक चरित्र “मीठी” पर रखी गई है। मीठी, एक ऐसी बच्ची है जिसकी ज़िन्दगी इस कोरोना काल में बेहद प्रभावित हुई है। जिसे न खाने को पौष्टिक आहार मिल पा रहा है और न ही सही शिक्षा। इस काल्पनिक चरित्र के द्वारा “साथ फाउंडेशन” हर उन बच्चों और औरतों को मदद पहुँचाने जाएगा जो इस कोरोना काल और लॉकडाउन की मार से परेशान हैं। “मीठी बैग” यानि ऊर्जा 2 का लक्ष्य इस साल कम से कम 2500 लोगों तक अपनी मदद पहुँचाना है।
कब हुई शुरुआत :
साथ फाउंडेशन ने 2018 में बोकारो जिला से शुरुआत की थी। यह संस्था नारीवाद का बिलकुल सटीक उदारहरण है जिसकी स्थापना वाणी पांडेय, श्वेता सिंह, नूतन शांडिल्य और वारिजा प्रसाद ने 2018 में किया था। इसकी शुरुआत औरतों की स्वच्छता की ज़रुरतों को देखते हुए “वन-टाइम युस” सेनेटरी पैड्स महिलाओं तक पहुँचाने से की गई थी। इसके बाद संस्था ने अपने बनाए गए दोबारा इस्तेमाल किये जाने वाले पैड्स “ecoसा” को भी महिलाओं तक पहुँचाया। यह किट लगभग 1000 महिलाओं तक पहुँचाया गया। हालांकि, इस संस्था का मकसद गरीब बच्चो को शिक्षा देने और रोग प्रतिरोधक क्षमता को लेकर लोगों में जागरूकता बढ़ाने का भी है।
इस संस्था का एक मकसद बच्चों तक शिक्षा प्रदान करने का काम अभि सिन्हा द्वारा किया जाता है। अभि सिन्हा, 30 से 50 बच्चों को मुफ्त मे शिक्षा की शक्ति प्रदान करते हैं। फुसरो, जानामोड़ जैसे इलाकों में इस संस्था द्वारा स्कूली बच्चो को स्कूल बैग, जूते सहित मेज़ भी दिए गए हैं। बिना किसी शुल्क के मदद पहुंचा रहे इस संस्था का उद्देश्य हर मजबूर को मज़बूत बनाना है।
इस वर्ष संस्था की ओर से शुरू की गई ऊर्जा 2,”मीठी बैग” में दिए जाने वाले किट में स्वच्छता की चीज़े, शिक्षा सम्बंधित चीज़ों सहित रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए अन्य चीज़े भी दी जाएंगी। इस किट का मूल्य 550 रूपए है। इससे जुड़ने के लिए अन्य लोग भी अपनी क्षमता अनुसार राशि या फिर कुछ ज़रूरी चीज़े देकर इस अभियान से जुड़ सकते हैं।