झारखंड विधानसभा में मानसून सत्र आज से शुरू हो गया। सत्र के पहले दिन इस साल कोरोना से मरने वाले लोगों को श्रद्धांजलि के साथ सदन की कार्यवाही समाप्त की गई। लेकिन इससे पहले सदन में शोक संदेश पढ़ने के दौरान जमकर शोर-शराबा हुआ। ये पहला मौका है जब शोक व्यक्त करने के दौरान विपक्ष की ओर से टोका-टाकी और हंगामा किया गया हो। इस हंगामे के बीच सदन के अंदर बीजेपी की एकता की भी पोल खुल गई। इस शोर शराबे के बीच आसन से विधानसभा अध्यक्ष रविन्द्र नाथ महतो संसदीय व्यवस्था और परिपाटी की दुहाई देते रहे, लेकिन बीजेपी के विधायकों ने उनकी एक नहीं सुनी। स्पीकर श्री महतो ने कहा कि यह ठीक नहीं है। कहा कि हमलोग भी एक दिन गुजर जायेंगे। तब श्रद्धांजलि होगी। उस वक्त भी क्या ऐसा ही होगा। यह अच्छा तरीका नहीं है।
सदन के अंदर रुक-रुक कर शोर-शराबा होता रहा। कभी भानु प्रताप शाही शोक संदेश के बीच बोलते नजर आए, तो कभी वरिष्ठ सदस्य सीपी सिंह। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के शोक संदेश के क्रम में भी हंगामा चलता रहा। इस बीच अपनी सीट से बाबूलाल मरांडी चुपचाप सदन की कार्यवाही को देखते रहे। बाहर निकलते ही बाबूलाल मरांडी ने विधानसभा अध्यक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि मिस्त्र के पिरामिड की तरह अध्यक्ष जेवीएम को ताबूत में जिंदा रखने का प्रयास कर रहे है।
बीजेपी की ये शोर-शराबे की पॉलिटिक्स भले ही उसकी रणनीति का हिस्सा हो, पर इसी शोर-शराबे के बीच बीजेपी विधायकों की एकता भी टूटती हुई नजर आई। ऐसा तब हुआ जब मुख्य सचेतक बिरंची नारायण अपने दल की तरफ से शोक संदेश पढ़ रहे थे। इसी बीच बीजेपी विधायक मनीष जायसवाल ने आपत्ति दर्ज कर दी। मनीष जायसवाल ने कहा कि बाबूलाल मरांडी के सदन में होते वो शोक संदेश नहीं पढ़ सकते हैं। जबकि इससे पहले बिरंची नारायण ही बीजेपी की ओर से शोक प्रस्ताव पढ़ते रहे हैं।
सदन के अंदर बीजेपी के आचरण पर जेएमएम और कांग्रेस ने सवाल उठाते हुए कहा कि इन्हें संविधान और संसदीय व्यवस्था पर विश्वास नहीं है। कम से कम दिवंगत आत्माओं की शांति के लिये सदन में शोक व्यक्त करने के दौरान राजनीति नहीं करनी चाहिए थी।
बता दें कि पहले दिन इस साल कोरोना सहित अन्य कारणों से मरने वाले लोगों को श्रद्धांजलि दी गई। इस दौरान विस अध्यक्ष रविन्द्र नाथ महतो के बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरने सहित सभी विधायकों ने एक-एक कर शोक संदेश पढ़कर मृतकों को श्रद्धांजलि दी। इसके बाद दो मिनट का मौन रखा गया। इस दौरान भाकपा माले के विधायक विनोद कुमार सिंह ने कहा कि अप्रैल, मई, जून में कोरोना ने राज्य के कई स्वास्थ्यकर्मियों, डॉक्टर्स, पत्रकार और पुलिसकर्मियों को हमसे छीन लिया। इसके बावजूद न तो केंद्र सरकार और न ही राज्य सरकार ने ऐसे मृतकों के आश्रित को कोई मुआवजा दिया। ऐसे मृतकों को सच्ची श्रद्धांजलि तभी होगी जब उनके आश्रित को मुआवजा मिलेगा। विधायक सरयू राय ने भी विनोद सिंह की बात को दुहराया। इसके बाद दो मिनट का मौन रखा गया और विधानसभा की कार्यवाही समाप्त कर दी गयी। अब सोमवार से सत्र चलेगा।
झारखंड विधानसभा का मानसून सत्र आगामी 9 सितंबर, 2021 तक चलेगा। इस मानसून सत्र के 5 कार्य दिवस होंगे। 4 और 5 सितंबर, 2021 को शनिवार और रविवार होने के कारण सदन में अवकाश रहेगा। वहीं, 6 सितंबर को वित्तीय वर्ष 2021-22 का पहला अनुपूरक बजट पेश किया जायेगा। वर्तमान सत्र में मुख्यमंत्री प्रश्नकाल भी होंगे। अनुपूरक बजट पर एक दिन चर्चा होगी। मानसून सत्र में सरकार संशोधन विधेयक भी रखेगी। आगामी 9 सितंबर को सत्र समाप्त होगा। इधर, सूचना के मुताबिक, 6 सितंबर, 2021 को झारखंड सरकार द्वितीय पाली में ज्वलंत विषय पर विशेष चर्चा करायेगी। वहीं, सत्र के दौरान जातीय जनगणना से संबंधित विशेष चर्चा हो सकती है।