प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पश्चिम बंगाल दौरे के बुलाई गई समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के शामिल नहीं होने पर सियासत शुरू हो चुकी है। मामले में केंद्र सरकार ने बंगाल के मुख्य सचिव अल्पन बंंदोपाध्याय को दिल्ली तलब किया। वहीं अब पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव अल्पन बंंदोपाध्याय के दिल्ली ट्रांसफर पर झारखंड में सियासी घमासान मच गया है। गोड्डा से BJP के सांसद निशिकांत दुबे ने ट्रांसफर ऑर्डर को ट्वीट करते हुए झारखंड के अधिकारियों को चेतावनी दे दी है। निशिकांत दुबे ने कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जी के इशारे पर नाचने वाले अधिकारियों अलटा जी, पलटा जी, भजन जी, अच्छा जी, कच्चा जी, ईजी, ऊची सबके लिए सबक। कानून के अनुसार चलिए। कानून सम्मत काम करिए नहीं तो दिल्ली पोस्टिंग का इंतजार करिए। उन्होंने यह ट्वीट करते हुए झारखंड पुलिस को भी टैग किया है। बीजेपी सांसद ने बिना नाम लिए कुछ अधिकारियों को उपनाम से संबोधित किया है।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जी के इशारे पर नाचने वाले अधिकारियों अलटा जी,पलटा जी,भजन जी,अच्छा जी,कच्चा जी,ईजी,ऊची सबके लिए सबक़ ।क़ानून के अनुसार चलिए,क़ानून सम्मत काम करिए नहीं तो दिल्ली पोस्टिंग का इंतज़ार करिए @JharkhandPolice https://t.co/XQGMXVpFC9
— Dr Nishikant Dubey (@nishikant_dubey) May 28, 2021
वहीं बीजेपी सांसद की इस नसीहत पर झारखंड महिला मोर्चा (JMM) और कांग्रेस ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए अधिकारियों को धमकाने का आरोप लगाया है।निशिकांत दुबे के पोस्ट का जवाब सोशल मीडिया पर ही JMM महिला मोर्चा ने दिया है। उनके पोस्ट को रीट्विट करते हुए लिखा है कि मधुपुर उपचुनाव के बाद से फर्ज़ी डिग्रीधारी महान ठग को बाबा भोलेनाथ का क्रोध झेलने का भय दिख रहा है। प्रचंड अहंकारी निशिकांत दूबे जी में अनायास गोड्डा सीट बचाने को लेकर अजीब सा कौतूहल दिख रहा है। महाशय,जनता से आपका डर वाजिब है। आपकी यह हताशा आपका भागलपुर का मार्ग प्रशस्त करेगी।
मधुपुर उपचुनाव के बाद से फर्ज़ी डिग्रीधारी महान ठग को बाबा भोलेनाथ का क्रोध झेलने का भय दिख रहा है। प्रचंड अहंकारी @nishikant_dubey जी में अनायास गोड्डा सीट बचाने को लेकर अजीब सा कौतूहल दिख रहा है।
महाशय,जनता से आपका डर वाजिब है।आपकी यह हताशा आपका भागलपुर का मार्ग प्रशस्त करेगी। https://t.co/1XM8e5uwmf— Jharkhand Mahila Morcha (@Jmm_Mahila) May 29, 2021
निशिकांत दुबे और रघुवर दास पर आपराधिक मामला दर्ज हाे- सुप्रियाे
इधर झामुमो के केंद्रीय महासचिव सह प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने वीडियो जारी कर भाजपा के गोड्डा सांसद डॉ निशिकांत दुबे पर आरोप लगाते हुए कहा है कि वह सीधे तौर पर कार्यपालिका को धमकी दे रहे हैं और यह देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए घातक है। सुप्रियो ने कहा कि सांसद दुबे ट्वीट कर भ्रष्टाचार के एक मामले में जांच कर रही सीआईडी के एडीजी का नाम लेकर अमर्यादित भाषा में धमकी दे रहे हैं और कह रहे हैं कि वह राज्य सरकार के किसी अधिकारी को दिल्ली ले जाकर बैठा देंगे।
सुप्रियो ने कहा कि दो दिन पहले पूर्व सीएम रघुवर दास ने भी बयान दिया था कि अधिकारी हेमंत सरकार के चक्कर में ना पड़ें, 2024 में भले वह सेवानिवृत्त हो जाएंगे तब भी उनके खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है। इस प्रकार ब्यूरोक्रेसी, पुलिस को केंद्र सरकार के बल पर धमकाना बहुत ही गंभीर बात है और तत्काल प्रधानमंत्री और गृह मंत्री को इसका संज्ञान लेना चाहिए। सुप्रियो ने निशिकांत दुबे के बयान पर सरकार को और हाईकोर्ट को सुओ मोटो लेने का आग्रह किया है और अपील की है कि सांसद के खिलाफ आपराधिक मुकदमा दर्ज किया जाए। उन्होंने कहा कि गैर भाजपा शासित राज्य झारखंड को पहले ही कोरोना काल में वैक्सीन, बकाया पैसा, ग्रांट, जीएसटी का पैसा देने में वंचित रखा जा रहा है और अब सीधे तौर पर कार्यपालिका को धमकी लोकतांत्रिक व्यवस्था और संघीय ढांचा के लिए अच्छा नहीं है।
धमकी भरे ट्वीट बंद करें BJP नेता,कानूनी कार्रवाई में सहयोग करें- कांग्रेस
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता आलाेक दुबे ने भाजपा सांसद पर पलटवार किया है। कहा- अफसरों से यह कहना कि वे भाजपा नेताओं के अनुसार काम करें नहीं ताे दिल्ली पाेस्टिंग का इंतजार करें, यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है। आईएएस-आईपीएस अफसराें काे धमकी देने वाले भाजपा नेताओं काे समझ लेना चाहिए कि अगर इन ईमानदार अधिकारियाें ने ताल ठाेंक दिया ताे 5 सालाें में रघुवर सरकार में भ्रष्टाचार करने वाले सभी भाजपा नेता सलाखाें के पीछे नजर आएंगे।
इससे पहले पूर्व CM रघुवर दास भी दे चुके हैं चेतावनी
दो दिन पहले 2016 के राज्यसभा चुनाव हॉर्स ट्रेडिंग मामले में पीसी एक्ट के तहत मामला चलाये जाने पर पूर्व CM रघुवर दास ने भी अधिकारियों को निशाने पर लिया था। उन्होंने कहा था कि मामले को जीवित रखने के लिए सरकार के इशारे पर कुछ काबिल अधिकारियों ने इसमें नई धाराएं जोड़ने का प्रयास शुरू किया है। लेकिन किसी को यह भूलना नहीं चाहिए कि यहां कुछ भी शाश्वत नहीं है। जो अधिकारी यह सोच रहे हैं कि अभी गंदगी फैला लेंगे और 2024 तक रिटायरमेंट के बाद आराम की जिंदगी बसर करेंगे तो यह उनकी भूल है। सभी की जिम्मेदारी तय की जायेगी। गलत करके बचने की उम्मीद छोड़ दें।