कोरोना संकट अभी खत्म भी नहीं हुआ है कि अब बर्ड फ्लू का खतरा मंडराने लगा है| देश के कुछ राज्यों- हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश और केरल, में बर्ड फ्लू के मामले सामने आने लगे हैं। स्थिति को देखते हुए झारखंड में भी अलर्ट जारी कर दिया गया है| राज्य के कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने इस बार में जानकारी देते हुए कहा है कि बर्ड फ्लू के कारण राज्य में अतिरिक्त एहतियात बरता जा रहा है। इसके साथ ही झारखंड को अलर्ट मोड में रहने का निर्देश दिया गया है। कृषि मंत्री ने बताया कि बड़े पैमाने पर समीक्षा करने के उपरांत और भी सुरक्षात्मक कदम उठाए जाएंगे। फिलहाल अन्य राज्यों से सटी सीमा सील करने जैसी स्थिति नहीं है। वहीं इस संबंध में सभी जिला उपायुक्तों को पैनी निगाह रखने का निर्देश दिया गया है।
उधर, झारखंड के लोगों में भी बर्ड फ्लू को लेकर दहशत का माहौल है। हालांकि फिलहाल यहां बर्ड फ्लू का मामला सामने नहीं आया है लेकिन, एहतियातन झारखंड में अलर्ट जारी कर दिया गया है। पशुपालन विभाग की ओर से राज्य के सभी उपायुक्तों को केंद्र सरकार की ओर से जारी एडवाइजरी भेज दी गई है। इसके साथ ही तत्काल आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए गये हैं। एडवाइजरी में ये कहा गया है कि किसी भी पक्षी की अस्वाभाविक मृत्यु होने पर इसकी सूचना तत्काल पशुधन सेवाएं विभाग और अन्य अधिकारियों को दी जाए। इसके अलावा पक्षी के बिसरे को जांच के लिए लैब भेजे जाने के निर्देश भी दिए गए हैं।
पशुपालन निदेशक नैंसी सहाय के स्तर से पशुपालन पदाधिकारियों के अलावा होटवार, रांची और बोकारो कुक्कुट प्रक्षेत्र के सहायक निदेशक को भी इस संबंध में पत्र भेजा गया है। पत्र के जरिए निर्देश दिया गया है कि बर्ड फ्लू के सैंपल एवियन इन्फ्लूएंजा के वार्षिक एक्शन प्लान 2020-21 में दिए गए लक्ष्यों के अनुरूप कार्य सुनिश्चित करें।
पशुपालन पदाधिकारियों को तत्काल प्रभाव से रैपिड रेस्पांस टीम का गठन करने के निर्देश के साथ ही पीपीई किट, आवश्यक कैमिकल और जेसीबी मशीन की उपलब्धता सुनिश्चित कराने का निर्देश दिया गया है। इसके अलावा जिलों से बर्ड फ्लू की खैरियत रिपोर्ट का मासिक प्रतिवेदन भी मांगा गया है। दूसरी तरफ, जिलों से पक्षियों के आ रहे सैंपलों की जांच की प्रक्रिया भी तेज कर दी गई है। अब तक करीब 700 सैंपल जांच के लिए भेजे गए हैं, हालांकि इनकी रिपोर्ट अभी तक नहीं आई है।
पशुपालन विभाग द्वारा जारी किया गया निर्देश..
- झारखंड में सभी जिलों में बढ़ाई जाए निगरानी। आरआरटी टीम का करें गठन।
- पीपीई किट, जरूरी कैमिकल और जेसीबी मशीन की उपलब्धता सुनिश्चित करें।
- प्रतिदिन खैरियत प्रतिवेदन, जिला पशुपालन पदाधिकारी अपने स्तर से निदेशक पशु, स्वास्थ्य एवं उत्पादकता संस्थान कांके भेजना सुनिश्चत करें।
- झारखंड के सभी जिलों से प्रत्येक माह बर्ड फ्लू का नमूना, पशु स्वास्थ्य एवं उत्पादकता संस्थान के निदेशक को भेजना सुनिश्चित किया जाए।