सैंटियागो चिली में आयोजित महिला हॉकी मैच में झारखंड की बेटियों के शानदार प्रदर्शन के साथ जूनियर भारतीय महिला हॉकी टीम की बादशाहत बरकरार रही। सोमवार सुबह खेले गये अंतिम मैच में भारतीय टीम ने चिली को 2-1 से पराजित किया। भारत की ओर से झारखंड की ब्यूटी डुंगडुंग ने दो गोल कर टीम को जीत दिलायी। गौरतलब है सेंटियागो चिली के दौरे पर गई जूनियर भारतीय महिला टीम ने सोमवार को अपने छठे और अंतिम मैच में सीनियर चिली टीम को 2-1 से पराजित कर प्रतियोगिता में पांचवीं जीत दर्ज की।
सोमवार को खेले गए अंतिम मैच में भारत को ओर से झारखंड के सिमडेगा जिले की रहने वाली खिलाड़ी ब्यूटी डुंगडुंग ने दोनों गोल दागे तथा टीम को 2-1 से जीत दर्ज कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। भारतीय टीम ने इस प्रतियोगिता में पांच मैचों में जीत दर्ज की है। इस दौरे में झारखंड की खिलाड़ियों का खूब प्रभाव रहा। पूरी प्रतियोगिता में कुल 16 गोल हुए हैं, जिसमें 10 गोल झारखंड की बेटियों ने किए। भारतीय टीम में कुल 24 खिलाड़ियों का दल सेंटियागो गया है। इनमें झारखंड की तीन खिलाड़ी सुषमा कुमारी, संगीता कुमारी और ब्यूटी डुंगडुंग शामिल हैं।
उक्त प्रतियोगिता में ब्यूटी डुंगडुंग ने कुल 5 गोल, संगीता कुमारी ने कुल 4 गोल और सुषमा कुमारी ने एक गोल किया। इस तरह प्रतियोगिता के कुल 16 में से 10 गोल झारखंड की बेटियों के नाम रहा, जो अपने आप में बहुत बड़ी सफलता है।
उधर झारखंड हॉकी के पदाधिकारियों ने सिमडेगा जिला के जंगलों, पहाड़ों से निकलकर चिली में फतह करने वाली बेटियों को बधाई दी। पदाधिकारियों ने कहा कि कोरोना काल के विपरीत परिस्थिति में भी अपने आप को फिट रखकर इन बेटियों ने झारखंड का मान बढ़ाया है।
खेत खलियान में खुद से अभ्यास कर लड़कियों ने रखा खुद को फिट: झारखंड हॉकी के अधिकारी
झारखंड हॉकी के पदाधिकारी मनोज कोनबेगी ने बताया कि कोविड-19 महामारी के कारण जब सभी खेल छात्रावास और खेल गतिविधियां बंद हो गई थीं, तब ये बेटियां भी इससे प्रभावित थीं और अपने घरों में कैद हो गयी थीं। लेकिन बड़ी बात है कि ये सभी निराश नहीं हुईं और अपने गांव के ही खेत खलियान में खुद से अभ्यास कर अपने आप को फिट रखा । इस दौरान झारखंड हॉकी के पदाधिकारी इनके घरों तक पहुंचकर इन्हें प्रोत्साहित करते रहे, जिससे इन सभी ने अपना आत्मविश्वास बरकरार रख कर सफलता प्राप्त की। इन बेटियों ने आज पूरी दुनिया में झारखंड का डंका बजाने में सफलता हासिल की।
‘ पूरा झारखंड गर्व महसूस कर रहा’
मनोज ने बताया कि भारतीय हॉकी टीम में शामिल झारखंड की इन बेटियों के घर तक पहुंचने के लिए न तो सड़क है और न ही शुद्ध पेयजल या बिजली की सुविधा है। पौष्टिक आहार के अभाव में जंगली साग के पत्तों पर निर्भर रहने वाली इन बेटियों के प्रदर्शन से आज पूरा झारखंड गर्व महसूस कर रहा है।