रांची: झारखंड के तीन कांग्रेस विधायक शनिवार को कोलकाता में भारी मात्रा में कैश के साथ पकड़े गए थे. जिसके बाद झारखंड की सियासत गरमा गई है. उन 03 विधायकों से पूछताछ की गई. जिसके बाद इन्हें 10 दिन के लिए रिमांड पर लेकर अब भी पूछताछ जारी है. इसी बीच विधायकों से पूछताछ में सिद्धार्थ मजूमदार का नाम सामने आया है. सिद्धार्थ मजूमदार दिल्ली के रहने वाले हैं. इसके बाद कोलकाता पुलिस सर्च वारंट लेकर दिल्ली पहुंची. उन्हें दिल्ली पुलिस ने सर्च करने से रोक दिया. बंगाल सीआईडी का आरोप है कि दिल्ली पुलिस के डीसीपी ने तलाशी लेने में बाधा उत्पन्न की सीआईडी अधिकारियों को पुलिस स्टेशन में बैठा कर रखा गया हालांकि सीआईडी के पास तलाशी के लिए तमाम जरूरी दस्तावेज थथे
असम में भी स्थानीय प्रशासन ने नहीं किया सहयोग..
वहीं इसी केस की जांच के सिलसिले में बंगाल सीआईडी की टीम असम पहुंची. वहां के स्थानीय प्रशासन ने पश्चिम बंगाल सीआईडी का सहयोग नहीं किया. बंगाल सीआईडी की टीम असम के एयरपोर्ट की सीसीटीवी फुटेज की तलाशी लेना चाहती थी ताकि पता चले कि झारखंड से कांग्रेस के कौन कौन से विधायक चंद दिनों के भीतर असम के गुवाहाटी पहुंचे हैं. इस फुटेज से सीआईडी को नतीजे तक पहुंचने में थोड़ी मदद मिल सकती थी लेकिन स्थानीय प्रशासन उनकी इसमें कोई सहयोग नहीं की.
झारखंड में गरमाई सियासत..
जहां एक तरफ बीजेपी सीएम हेमंत सोरेन को इस बात के लिए खरी-खोटी सुना रहे हैं वहीं कांग्रेस नेता इसे बीजेपी की एक चाल कह रहे हैं. कांग्रेस नेता इससे ऑपरेशन लोटस का नाम दे रहे हैं. इसके बाद यह मामला विधानसभा से लेकर राज्यसभा तक पहुंच गया है.