गढ़वा: मुख्यमंत्री की पहल पर बैंककर्मियों ने बुजुर्ग महिला को घर जाकर दिए उनके 1500 रूपए..

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन द्वारा दिए गए निर्देश के बाद गढ़वा में बैंककर्मियों ने एक 105 साल की महिला को घर जाकर उनके जन-धन खाते के 1500 रुपए सौंपे। दरअसल, मुख्यमंत्री को ये सूचना मिली थी कि कोरोना के खतरे के चलते महिला को बैंक में एंट्री नहीं मिली थी|जिसके बाद वृद्ध महिला का बेटा उन्हें पीठ पर लेकर बैंक के चक्कर लगा रहा है।

मामले का संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री ने गढ़वा उपायुक्त को रंका प्रखंड निवासी 105 साल की महिला की मदद करने का निर्देश दिया था। मुख्यमंत्री ने उपायुक्त को कहा कि बिना किसी ठोस वजह के कोई भी लाभार्थी अपने अधिकार के लिए परेशान न हो। इस बात को सुनिश्चित कराएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में कर्मठ बैंकिंग कॉरोसपोंडेंट की समुचित भागीदारी के माध्यम से भी ऐसे मामलों की पुनरावृत्ति रोकी जा सकती है।

आदेशानुसार कार्रवाई करने के उपरांत उपायुक्त गढ़वा ने मुख्यमंत्री को जानकारी दीकि रंका निवासी पचिया कुंवर के घर जाकर जेआरजीबी (ग्रामीण बैंक) रंका के शाखा प्रबंधक के द्वारा 1500 रुपए की राशि दे दी गई|साथ ही जिले के सभी सीएसपी को बैंक के माध्यम से निर्देश दिया गया है कि भविष्य में इस प्रकार की पुनरावृत्ति ना हो।

मुख्यमंत्री को जानकारी दी गई थी कि गढ़वा जिले के रंका प्रखंड निवासी विफन भुइयां अपनी 105 वर्षीय मां को पीठ पर लादकर बैंक के चक्कर लगा रहा है। उसे अपनी मां के जन-धन खाते से 1500 रुपये निकालने है। वो अपनी मां को दो बार रंका स्थित जेआरजीबी बैंक लेकर आया लेकिन, बैंक वालों ने कोरोना संक्रमण के डर से उन्हें बैंक में प्रवेश नहीं करने दिया। पिछले छह माह से उक्त वृद्ध महिला का वृद्धा पेंशन भी बंद है।

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