झारखण्ड सरकार के फ़ैसले के अनुकूल राज्य के ज़्यदातर स्कूल एक मार्च से खोल दिए जाएंगे। राज्य सरकार द्वारा इससे संबंधित जारी किये गए दिशा-निर्देश के सदृश स्कूलों में प्रार्थना सभा , सांस्कृतिक कार्यक्रम एवं खेल गतिविधियां पर रोक लगा दिया गया है। साथ ही स्कूल खोलने के पहले स्कूलों की साफ़ सफाई भी सुनुश्चित की जाएगी। सरकारी स्कूलों को खोलने को ले कर सभी क्षेत्रीय शिक्षा उपनिदेशकों, जिला शिक्षा पदाधिकारियों एवं जिला शिक्षा निदेशकों को राज्य के शिक्षा परियोजना परिषद के राज्य परियोजना निदेशक शैलेश कुमार चौरसिया ने निर्देश जारी किये।
साथ ही ये भी कहा गया है की जिन स्कूलों का इस्तेमाल क्वारेंटाइन सेंटर के रूप में हुआ था, उन्हें विशेष साफ़ सफाई के बाद खोला जाएगा। कमरों के हिसाब से कितने मजदूर लगाए जाएंगे, इसकी गणना भी कर ली गयी है और जिला आपदा प्रबंधन से अनुरोध किया है की ऐसे स्कूल जिनका उपयोग क्वारंटाइन सेंटर के रूप में हुआ था , उनकी सूची बना कर राज्य परियोजना कार्यालय को उपलब्ध कराइ जाए.
राज्य परियोजना निदेशक शैलेश कुमार चौरसिया द्वारा जारी किये गए दिशानिर्देश के अनुसार सभी स्कूलों में बायोमेट्रिक उपस्थिति नहीं बनेगी और स्कूल परिसर में किसी भी बाहरी व्यक्ति के आवागमन पर रोक रहेगी। इसके साथ ही स्कूल के पेयजल की जांच कर पोर्टल पर अपलोड की जाएगी। स्कूल में विद्यार्थियों के बैठने की व्यवस्था इस प्रकार की जाएगी की उनके बीच 6 फ़ीट का फासला रहे। आपको बता दें की कक्षा दसवीं और बारहवीं के छात्रों के लिए 2,542 स्कूल पहले से खुल रहे हैं तथा कक्षा आठ, नौ और ग्यारहवीं के छात्रों के लिए 11,572 स्कूल एक मार्च से खुल रहे हैं।
झारखण्ड के कौशल विकास केंद्र एक मार्च से खुल जाएंगे और इसी दिन से प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के तृतीया चरण का समारम्भ होगा। शुक्रवार को कौशल विकास केंद्रों के खोले जाने को ले कर श्रम नियोजन प्रशिक्षण एवं कौशल विकास विभाग के सचिव प्रवीण टोप्पो ने आवश्यक तैयारियों की समालोचना की।