कोरोना संकट के चलते दो साल के बाद दुनिया के सबसे लंबे श्रावणी मेले की तैयारियां जोरों पर हैं। भागलपुर जिले के सुल्तानगंज से झारखंड के देवघर तक कांवरिया पथ तैयार हो रहा है। इस मार्ग के किनारे शिविर, दुकानें आदि पंडाल का आकार ले रहे हैं। कच्चे मार्ग पर बालू डाली जा रही है, ताकि कांवरियों को चलने में दुविधा न हो। साथ ही जगह-जगह शौचालय, स्नानागर, पीने के पानी समेत अन्य सुविधाएं तैयार की जा रही हैं। बता दें की श्रावणी मेले की शुरुआत 14 जुलाई से होगी, मगर कांवरियों का पहला जत्था 10 जुलाई से ही रवाना हो जाएगा। सुल्तानगंज में सीढ़ी घाट पर अभी तक प्रशासनिक स्तर पर तैयारियां नहीं हो पाई हैं। तय समयसीमा में इसका काम पूरा नहीं होने के आसार हैं। सीढ़ी घाट पर अभी तक 100 मीटर तक ही बैरिकेडिंग के लिए खंभे के खूंटे गाड़े गए हैं। साथ ही कांवरियों के लिए घाट तैयार करना भी बाकी है। घाट पर लाइट के लिए कोई इंतजाम नहीं किया गया है। हालांकि सीढ़ीघाट पर कांवरियों के ठहरने के लिए पक्का शेड जरूर बन गया है।
इधर 112 KM के रास्ते में जहां 1000 CCTV कैमरे लगाए जाएंगे तो सुरक्षा से लेकर स्वास्थ्य तक की पूरी तैयारी की जा रही है। हर एक किलोमीटर में हेल्थ सेंटर बनाए जा रहे हैं। साथ ही RAF के जवानों को सुरक्षा में तैनात किया जाएगा। इसके अलावा इस बार फूड इंस्पेक्टर को फूड स्टॉल की नियमित जांच के लिए लगाया गया है। इसके अलावा बाबा मंदिर में भी कई जरूरी बदलाव किए गए हैं।
बांका के अबरखा में बनेगा 500 रूम का टेंट सिटी..
बांका के अबरखा में कांवरियों के लिए 500 रूम का टेंट सिटी तैयार किया जा रहा है। यहां कांवरियों के ठहरने से लेकर उनके मनोरंजन के लिए सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। इसकी बुकिंग श्रावणी मेला ऐप के जरिए कराई जाएगी। यह पूरी तरह नि:शुल्क होगा और पहले आओ पहले पाओ की तर्ज पर लोगों को अलॉट किया जाएगा।
हर 1 KM पर हेल्थ सेंटर की सुविधा होगी..
108 किलोमीटर की यात्रा में हर 1 किलोमीटर की दूरी पर एक अस्थायी हेल्थ सेंटर की व्यवस्था की गई है। इसमें डॉक्टर की टीम के अलावा औषधि चिकित्सक साथ पहली बार फूड इंस्पेक्टर को शामिल किया गया है। यहां श्रद्धालुओं की दी जाने वाली रेग्युलर दवा के साथ फूड स्टॉल पर परोसे जा रहे खाद्य पदार्थों की भी नियमित जांच होगी।
श्रावणी मेला ऐप पेयजल से पार्किंग तक की जानकारी..
श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए श्रावणी मेला ऐप तैयार किया गया है। इसमें मेला से संबंधित छोटी से बड़ी सभी प्रकार की जानकारी दी जाएगी। ऐप की मदद से श्रद्धालु ये जान पाएंगे कि शौचालय, पेयजल, धर्मशाला, पार्किंग, हॉस्पिटल, विश्राम स्थल उनसे कितनी दूरी पर है। बिहार के पर्यटन विभाग की तरफ से इस ऐप को 5 जुलाई को लांच किया जाएगा।
बिना मास्क के मंदिर परिसर में नहीं मिलेगी एंट्री..
झारखंड सरकार की तरफ से श्रावणी मेले को लेकर सख्त आदेश जारी किया गया है। मेला के दौरान श्रद्धालुओं को कोविड प्रोटोकॉल का पालन करना होगा। किसी भी कांवरिए को बिना मास्क के मंदिर परिसर में एंट्री नहीं दी जाएगी। साथ ही मंदिर परिसर में दो श्रद्धालुओं के बीच उचित दूरी बनाए रखने के लिए कहा गया है।
देवघर में 1500 रुपए में मिलेंगे होटल..
देवघर होटल एसोसिएशन के पदाधिकारी शिव जायसवाल ने बताया कि होटल की बुकिंग अभी से ही शुरू कर दी गई है। शहर में लगभग 250 होटल हैं, जो श्रावणी मेले पर विशेष तैयारी करते हैं। इस बार 2 बेड के कमरे का 24 घंटे के लिए 1500 रुपए निर्धारित किया गया है। इसके अलावा धर्मशाला और सभी श्रद्धालुओं के पंडा के यहां ठहरने की अलग से व्यवस्था की गई है।
मंदिर परिसर में किए गए हैं ये 5 अहम बदलाव..
- शीघ्र दर्शन के एंट्री स्थल को चौड़ कर मेट्रो की तर्ज पर यहां 8 गेट बनाए गए हैं। यहां एंट्री के लिए मंदिर परिसर के पास ही 500 रुपए का टोकन लेना होगा। उसके बाद इस गेट से एंट्री हो सकेगी। इसके अलावा सामान्य श्रद्धालुओं की अलग लाइन होगी।
- बाबा मंदिर में इस बार अस्थायी अस्पताल के साथ पहली बार ट्रॉमा सेंटर बनाया गया है। यहां एक्सपर्ट डॉक्टर की टीम रहेगी।
- भीड़ को नियंत्रित करने के लिए बाबा मंदिर से 5 किलोमीटर दूर खिजुरिया में होल्डिंग पाइंट बनाया गया है। यहां 10 हजार लोगों के ठहरने की व्यवस्था की गई है।
- पूरे मंदिर परिसर पर नजर रखने के लिए पहली बार इंटीग्रेटेड मेला कंट्रोल सेंटर बनाया जा रहा है। यहां से 500 कैमरे के माध्यम से पूरे शहर पर नजर रखी जाएगी। यहां से भी बाबा के दर्शन कराए जाएंगे।
- साथ ही इस बार मंदिर परिसर मे श्रद्धालुओं के लिए फ्री वाई-फाई की व्यवस्था भी कराई गई है। शिवगंगा पर 150 किलो का त्रिशूल लगाया जाएगा, इसे सेल्फी पाइंट भी बनाया गया है।
श्रावणी मेले में उपद्रव की आशंका..
खुफिया विभाग ने श्रावणी मेले में उपद्रव होने की आशंका व्यक्त की है। इसे लेकर विभाग की ओर से अलर्ट जारी कर दिया गया है। खुफिया विभाग के अधिकारी सुल्तानगंज में डेरा डाले हुए हैं। उनकी छोटी से छोटी हर गतिविधि पर नजर रहेगी। कांवरियों के भेस में अगर किसी असामाजिक तत्व ने उपद्रव करने की कोशिश की तो उसे बख्शा नहीं जाएगा।