
जनजातीय भाषा को बचाने में सीयूजे ने दिया समर्थन, तैयार हो रहे शब्दकोष..
झारखंड के जनजातीय भाषाओं को विलुप्त होने से बचने के लिए सेंट्रल यूनिवर्सिटी आफ झारखंड की शोध टीम लगातार कार्य कर रही है। सहायक प्राध्यापक रजनीकांत पांडेय ने कहा कि वह इस दिशा में पिछले सात वर्षों से कार्य कर रहे हैं। उनकी टीम ने झारखंड के अलावे उत्तराखंड के दूरदराज इलाकों में जाकर अध्ययन…