4.69 सेकंड में जवाब दे पार किया फास्टेस्ट फिंगर फर्स्ट का सवाल..

Jharkhand: कौन बनेगा करोड़पति सिरीज का 15 सीजन टीवी पर प्रसारित किया जा रहा है। अमिताभ बच्चन का फेमस क्विज रियलिटी शो कौन बनेगा करोड़पति अपने पहले सीजन से ही लोगों के बीच बहुत मशहूर है। इस शो की लोकप्रियता इस पर देखी जा सकती है की 15 सीजन प्रसारित होने के बावजूद दिन पर दिन बेहद दिलचस्प होता जा रहा है। अपनी किस्मत आजमाने और सीजन में आकर लाखों रुपए जीतने अपने किस्मत को बनाने के लिए यहां अलग-अलग राज्यों से बड़े-बड़े महारथी आते है। रांची की हिनू निवासी मधुरिमा ने कौन बनेगा करोड़पति सीजन 15 में पहुंचकर झारखंड का मान बढ़ाया। फास्टेस्ट फिंगर फर्स्ट जीत कर सदी के महानायक अमिताभ बच्चन के सामने हॉट सीट पर बैठी। नियमों के अनुसार खेलते हुए 3 लाख 20 हजार तक की रकम अपने हवाले कर 13वां प्रश्न तक ही खेल पायी। लेकिन जीत मिलने पर वह अब काफी खुश है।

अमिताभ बच्चन से मिलने का था सपना…
उन्होंने कहा कि वह कौन बनेगा करोड़पति में बस खेलने गयी थीं, हारने या जीतने नही। उन्हें बस महानायक अमिताभ बच्चन मिलना था उनसे मिलने का सपना अब पूरा हो गया है।
मधुरिमा अमिताभ बच्चन की बहुत बड़ी फैन है। जब मधुरिमा अमिताभ बच्चन के सामने हॉट सीट पर बैठी हुई थी। तब उन्हें ऐसा महसूस हो रहा था कि जैसे वह टीवी देख रही है उन्हें इस पर विश्वास ही नहीं हो रहा था कि उनके सामने अमिताभ बच्चन साक्षात बैठे हुए है। अमिताभ बच्चन से मिलकर मधुरिमा बहुत ही ज्यादा खुश है। उनका कहना है कि उनका वर्ष पुराना सपना सच हो गया है।

रांची में ही पदस्थापित…
झारखंड की मधुरिमा मूल रूप से जमशेदपुर की रहनेवाली है। दोनों पति-पत्नी रांची में ही पदस्थापित है। मधुरिमा सचिवालय सेवा में वन पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग में प्रशाखा पदाधिकारी (2013 बैच) के पद पर कार्यरत है। इनके पति कमलदीप कुमार सिन्हा उषा मार्टिन पावर प्लांट में कार्यरत है। मधुरिमा की दो बेटियां आध्या कमल और अर्ना कमल है।

4.69 सेकंड में दिया जवाब …
सबसे पहले बाजी मारते हुए मधुरिमा फास्टेस्ट फिंगर फर्स्ट को पार कर गई। मात्र 4.69 सेकंड में जवाब पूरा किया। फास्टेस्ट फिंगर फर्स्ट का सवाल था- भारत के इन राज्यों को भौगोलिक दृष्टि से पश्चिम से पूर्व के क्रम में लगाये। साथ ही अपने नाम के पीछे सरनेम नहीं जोड़ने का कारण की भी पूरी जानकारी दी। अमिताभ बच्चन ने टाइटल नहीं रखने की प्रथा के लिए बधाई दी। मधुरिमा ने कहा कि मेरी पहचान के लिए मेरा नाम ही काफी है। मौके पर मधुरिमा ने अपने संघर्ष की कहानी सुनायी।