झारखंड सरकार ने बड़ा ऐलान किया है। जिसके अनुसार झारखंड कर्मचारी चयन आयोग के जरिए तृतीय श्रेणी के पदों पर होने वाली नियुक्ति में सामान्य श्रेणी के अभ्यर्थियों के लिए झारखंड के मान्यता प्राप्त शैक्षणिक संस्थानों से मैट्रिक एवं इंटरमीडिएट पास होना अनिवार्य होगा। वहीं स्वास्थ्य विभाग में पारा मेडिकल कर्मियों की होने वाली नियुक्ति में अनुबंध कर्मियों को एक बार के लिए इस अनिवार्यता से छूट दी जाएगी। दरअसल राज्य सरकार ने यह फैसला लेते हुए नियुक्ति नियमावली में संशोधन किया है। जिससे राज्य के सरकारी अस्पतालों व मेडिकल कॉलेजों में अनुबंध पर कार्य करने वाले पारा मेडिकल कर्मियों को राहत मिली है।
झारखंड सरकार की घोषणा..
बता दें कि अब राज्य के सरकारी अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों में अनुबंध पर कार्य करने वाले सभी पारा मेडिकल कर्मी जैसे ए ग्रेड नर्स, फार्मासिस्ट, एएनएम, लैब तकनीशियन समेत अन्य कर्मचारी राज्य सरकार के अधीन स्थायी पदों पर होने वाली नियुक्ति प्रक्रिया में शामिल होंगे। चाहे वह किसी भी श्रेणी के हो और कहीं से भी मैट्रिक और इंटरमीडिएट पास हो। इसका फायदा सभी सरकारी अस्पतालों, मेडिकल कालेजों में अनुबंध पर कार्यरत पारा मेडिकल कर्मियों को मिलेगा। हालांकि उन्हें यह छूट एक बार के लिए होने वाली स्थायी नियुक्ति में ही दी जाएगी।इसके बाद होने वाली नियुक्तियों में यह छूट सामान्य श्रेणी के अनुबंध कर्मियों को नहीं मिल सकेंगी।
न्यूनतम 45 प्रतिश अंक की अब जरूरत नहीं..
जहां एएनएम की बहाली में मैट्रिक की परीक्षा में कम से कम 45 प्रतिशत अंक अनिवार्य किया गया था। वहीं अब नियुक्ति में केवल मैट्रिक पास करना अनिवार्य होगा। इसमें अब कोई न्यूनतम अंक की अनिवार्यता निर्धारित नहीं की गई है। इसके साथ एएनएम के लिए 18 माह का प्रशिक्षण अनिवार्य होगा। हालांकि यह पहले भी लागू था।
बहाली प्रक्रिया होगी शुरू..
बता दें कि नियुक्ति नियमावली में किए गए संशोधन से राज्य में पारा मेडिकल कर्मियों की सात सालों से लटकी बहाली प्रक्रिया पूरी हो जाएगी। वहीं झारखंड कर्मचारी चयन आयोग ने साल 2015 में आवेदन मंगाने के बाद नियमावली में पेंच होने के कारण बहाली परीक्षा स्थगित कर दी थी। जिसके बाद साल 2018 में नई नियमावली तो बनी लेकिन इसमें भी कई कमियां थी। जिसके बाद इस बार फिर से इसमें संशोधन किया गया है।