जामताड़ा : जिंदा होकर भी सरकारी फाइलों में मृत शांति देवी और उनके पति विजय पंडित खुद को जिंदा साबित नहीं कर पा रहे हैं। घटना जामताड़ा के नारायणपुर प्रखंड की है। इस प्रखंड के भैयाडीह गांव में रहते हैं शांति देवी और उनके पति विजय पंडित। सरकारी फाइलों में इन्हें मृत घोषित कर दिया गया है। पांच सालों से यह सरकारी दफ्तर के चक्कर लगा रहे हैं। अधिकारियों को बता रहे हैं कि हम जिंदा है। प्रखंड के अधिकारी इनकी समस्या की तरफ ध्यान ही नहीं दे रहे, जैसे सच में वो इन अधिकारियों के लिए मृत हों। जिला आपूर्ति कार्यालय द्वारा 21 सितम्बर 2017 को लाभुक शान्ती देवी को मृत घोषित कर उनके राशन कार्ड0 संख्या-202003476863 को रद्द कर दिया गया। इसके रद्द होते ही राशन मिलना बंद हो गया। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत मिलने वाली सुविधा अचानक बंद हो गयी।
राशन के लिए भटक रहा है परिवार
पति – पत्नी दोनों ने प्रखंड कार्यालय जाकर कहा कि हम जिंदा है लेकिन हमारे राशन कार्ड को यह कहकर रद्द कर दिया गया है कि हम मर चुके हैं। अधिकारियों ने उनकी इस गुहार पर अबतक कोई कार्रवाई नहीं की है। अपने जीवित होने का प्रमाण देकर दोनों थक चुके हैं। ढलती उम्र में अब दोनों मजदूर करके अपना पेट भर रहे हैं। सरकार की तरफ से मिलने वाली सुविध बंद हो गयी। इस पूरे मामले पर जिला आपूर्ति पदाधिकारी प्रधान मांझी ने कहा, ऐसे कोई मामला अबतक मेरे सामने नहीं आया है।
कैसे पता चला सरकारी फाइलों में है मृत
मैं इस संबंध में जानकारी इकट्ठा कर पूरी मदद की कोशिश करूंगा। हम उनका राशन कार्ड जल्द से जल्द शुरू कर देंगे। दूसरी तरफ राशन कार्ड धारी शांति देवी के पति विजय पंडित कहते हैं, पहले मुझे लगातार राशन मिल रहा था। लेकिन पांच साल साल 2017 में जब राशन लेने गया तो पता चला मेरा राशन कार्ड ही रद्द हो गया। बेटे ने ऑनलाइन राशन डिलेट होने के कारण जानना चाहा, तो जिला आपूर्ति कार्यालय द्वारा 21 सितंबर 2017 को राशन कार्ड धारी की मृत्यु हो जाने की जानकारी मिली। सभी हैरान रह गये। इसके बाद से अबतक लगातार कार्यलाय के चक्कर लगाये जा रहे हैं। शांति देवी ने कहा, हम गरीब है। दैनिक मजदूरी कर परिवार पेट पाल रहा है। जिला प्रशासन इस मामले में चाहे तो जांच कर ले लेकिन राशन दोबारा चालू कर दे।