रांची: देश में मंकीपॉक्स के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. इसी को देखते हुए झारखंड में अलर्ट जारी किया गया है. झारखंड के स्वास्थ्य विभाग ने भी एहतियात बरतना शुरू कर दिया है. रांची सहित राज्य के सभी सिविल सर्जनों को एडवाइजरी जारी कर दिशा-निर्देश दिया गया है. जिसमें कहा गया हैं कि मंकीपॉक्स को लेकर अपने-अपने अस्पताल में आइसोलेशन वार्ड बना लें. आपको बता दें कि झारखंड की राजधानी रांची में स्वास्थ्य व्यवस्था सुस्त नजर आ रही है. सदर अस्पताल में अब तक आइसोलेशन वार्ड नहीं बनाया जा सका है.
चेचक से मिलती-जुलती है मंकीपॉक्स..
बता दें कि मंकीपॉक्स चेचक से मिलती-जुलती बीमारी है. यह एक ऑर्थोपॉक्स संक्रमण है. जिसकी अवधि आमतौर पर 7-14 दिन होती है लेकिन यह 5-21 दिनों तक हो सकती है. संक्रमित व्यक्ति में लक्षण दिखने से 1-2 दिन पहले से ही वह व्यक्ति रोग फैला सकता है.
मंकीपॉक्स के लक्षण: संक्रमित व्यक्ति में बुखार, शरीर पर दाने, चकत्ते और लिम्फ नोड में सूजन आदि हो सकते हैं. इससे जान तक जाने की संभावना है.
इंसानों से इंसानों में भी फैलता है मंकीपॉक्स..
आमतौर पर 2 से 4 सप्ताह तक चलने वाले लक्षणों के साथ यह एक स्व-सीमित बीमारी है. इसके मामले इतने गंभीर हो सकते हैं कि व्यक्ति की मौत भी हो सकती है. मंकीपॉक्स जानवरों से इंसानों में एवं इंसान से इंसानों में भी फैल सकता है. यह वायरस टूटी श्वसन व आंख, नाक या मुंह के माध्यम से शरीर में प्रवेश कर सकता है.
फिलहाल झारखंड में एक भी संदिग्ध मरीज नहीं..
अच्छी बात यह है कि राज्य में फिलहाल मंकीपॉक्स का एक भी संदिग्ध मरीज नहीं मिला है. आपको बता दें कि पिछले माह खूंटी व कोडरमा से दो-तीन ऐसे मरीज मिले थे, जिन्हें मंकीपॉक्स संदिग्ध माना जा रहा था. हालांकि, उनकी कोई ट्रैवल हिस्ट्री नहीं थी. फिर भी बीमारी की गंभीरता को भांपते हुए उनकी प्रारंभिक जांच हुई. जिसमें चिकन पॉक्स से ग्रसित पाए गए.