अदाणी फाउंडेशन ने लगाया निशुल्क हेल्थ चेकअप कैंप..

बड़कागांव (हजारीबाग): गोन्दलपुरा कोल परियोजना के तहत अदाणी फॉउंडेशन ने आज बड़कागांव के गाली गांव स्थित उत्क्रमित प्राथमिक विद्यालय में अपने सीएसआर कार्यक्रम के तहत एक हेल्थ चेक अप कैंप का आयोजन किया। इस अवसर पर डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ की एक टीम द्वारा ग्रामीणों को कई तरह की चिकित्सकीय सुविधा निशुल्क प्रदान की गयी। सुबह 11 बजे से दिन भर चले इस कैंप में बड़ी संख्या में ग्रामीण, महिलाएं और बुजुर्ग मौजूद थे। कई महिलाएं अपने बच्चों के साथ हेल्थ कैम्प में आयी हुई थीं।

डॉक्टर को ग्रामीणों ने बताई समस्याएं..
अदाणी फॉउंडेशन की ओर से लगाए गए इस मेडिकल चेक अप कैम्प में ग्रामीणों ने खुद से आगे आकर अपने स्वास्थ्य सम्बन्धी चीजों की जानकारी डॉक्टर को दी और उनसे आवश्यक परामर्श लिया। कैम्प में डॉक्टर ने ग्रामीणों का ब्लड प्रेशर और वजन मापा, धड़कन और नब्ज जाँची और साथ ही सामान्य शारीरिक फिटनेस की जानकारी ली। इसके अलावा ग्रामीणों के शुगर की भी जांच की गयी। कई ग्रामीणों ने डॉक्टर से अपने आँखों की समस्याएं, बॉडी पेन और सिजनल बीमारियों की भी शिकायत की। ग्रामीणों ने कहा कि डॉक्टर द्वारा दी गयी सभी सलाह का वो अनुपालन करेंगे। ग्रामीणों ने यह भी कहा कि ऐसे हेल्थ चेक अप कैंप समय-समय पर लगते रहने चाहिए ताकि उनका समाज स्वस्थ बना रह सके।

डॉक्टर ने दी सलाह, कोई भी लक्षण दिखे तो जांच जरूर कराएं..
वहीं, मेडिकल टीम ने ग्रामीणों को कोरोना से बचाव के लिए सभी आवश्यक सावधानियां बरतने की अपील की। बताया कि कोरोना महामारी अभी ख़त्म नहीं हुई है। इसलिए इससे बचाव के लिए जागरूक रहने की जरुरत है। कैंप में मौजूद ग्रामीणों को यह भी बताया गया कि बदलते मौसम में लोग अपने स्वास्थ्य का अच्छे से ध्यान रखें। मौसम बदलने के साथ ही बीमारियों का प्रकोप भी शुरू हो जाता है। सबसे पहले बच्चे इनकी चपेट में आते हैं। इसलिए सर्दी-खांसी, जुकाम जैसे तरह-तरह के वायरल और दूसरी बीमारियों से बचने के लिए सावधानी बेहद जरुरी है। उन्होंने कहा कि बरसात के पानी में न भींगे। साथ ही किसी भी बीमारी से बचने के लिए समय पर जांच जरूरी है। मेडिकल जांच के बाद ही किसी भी रोग का इलाज सही तरीके से किया जा सकता है। लोग गंभीर रोग को मामूली समझकर मेडिकल स्टोर से दवा लेकर खा लेते हैं और तत्काल समस्या भी कम हो जाती है। लेकिन धीरे-धीरे अंदर से रोग गंभीर हो जाता है। बाद में यह मरीजों को लिए परेशानी का कारण बन जाता है।

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